प्रदूषण को दूर भगाने के लिए राजधानी में कराई जाएगी नकली बारिश

new delhi news  दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश (क्लाउड सीडिंग) तकनीक का सहारा लेने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दी गई। इसके तहत दिल्ली-एनसीआर में पांच ट्रायल किए जाएंगे, जिनके लिए 3.21 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। पहला ट्रायल मई-जून में करने की योजना है।
प्रत्येक ट्रायल पर होगा 55 लाख का खर्च
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने जानकारी दी कि प्रत्येक क्लाउड सीडिंग ट्रायल पर 55 लाख रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा, 66 लाख रुपये की एकमुश्त राशि उपकरणों की स्थापना, विमान कैलिब्रेशन, रसायन भंडारण और लॉजिस्टिक पर खर्च की जाएगी।
आईआईटी कानपुर को मिली जिम्मेदारी 
सरकार ने इस परियोजना की निगरानी और क्रियान्वयन की जिम्मेदारी आईआईटी कानपुर को सौंपी है। आईआईटी कानपुर वैज्ञानिक मॉडलिंग से लेकर विमान संचालन और रासायनिक छिड़काव तक की सभी गतिविधियों की देखरेख करेगी।
13 मंत्रालयों से लेनी होगी मंजूरी 
सरकार को इस परियोजना के लिए नागर विमानन महानिदेशालय, रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण सहित कुल 13 शासी एजेंसियों से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त करना होगा। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि कृत्रिम बारिश प्रदूषण नियंत्रण के लिए न तो अल्पकालिक और न ही दीर्घकालिक समाधान है। इसके बावजूद, सरकार इसे गंभीर प्रदूषण के समय एक आकस्मिक विकल्प के रूप में देख रही है।

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