new delhi news दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत तीन नेताओं के खिलाफ सरकारी संपत्ति को विरुपित करने के 2019 के मामले में जांच अधिकारी को ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने इस मामले की अगली सुनवाई 23 मई को निर्धारित की है।
कोर्ट ने जांच अधिकारी को मामले से संबंधित शिकायत की मूल प्रति और जांच से संबंधित सीडी भी जमा करने का आदेश दिया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अरविंद केजरीवाल, पूर्व विधायक गुलाब सिंह और द्वारका की तत्कालीन पार्षद निकिता शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
यह मामला शिकायतकर्ता शिव कुमार सक्सेना द्वारा दायर याचिका पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 2019 में दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के द्वारका इलाके में बड़े-बड़े अवैध होर्डिंग्स लगाए गए थे। 11 मार्च को कोर्ट ने इस याचिका पर संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट के समक्ष उन बैनरों की तस्वीरें पेश कीं, जिनमें केजरीवाल, गुलाब सिंह और निकिता शर्मा के नाम प्रमुखता से लिखे हुए थे। कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर इस प्रकार के अवैध होर्डिंग्स लगाना न केवल सरकारी संपत्ति को विरुपित करना है, बल्कि यह ट्रैफिक और लोगों की सुरक्षा के लिए भी खतरा उत्पन्न करता है।
दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल एक्शन टेकन रिपोर्ट पर असंतोष जताते हुए कोर्ट ने जांच में गंभीरता बरतने के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जांच के दौरान मौके पर कोई होर्डिंग नहीं मिला। इस पर कोर्ट ने होर्डिंग छापने और लगाने वालों की पहचान करने के भी निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई अब 23 मई को होगी।
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