69 विधायकों का खर्च उजागर, भाजपा के 61.7% और आप के 31.2% औसत खर्च की घोषणा

new delhi news  चुनाव अधिकार संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में विधायकों द्वारा किए गए चुनाव खर्च का खुलासा किया है। एडीआर ने 69 विधायकों के रिकॉर्ड का विश्लेषण करते हुए रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार, औसत चुनाव खर्च 20.79 लाख रुपये रहा, जो तय सीमा का 52 प्रतिशत है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पाटीर्वार औसत चुनाव खर्च में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे आगे रही। भाजपा के 47 विधायकों का औसत खर्च 24.68 लाख रुपये (61.7 प्रतिशत) रहा, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) के 22 विधायकों का औसत खर्च 12.48 लाख रुपये (31.2 प्रतिशत) दर्ज किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, 65 प्रतिशत विधायकों ने इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया पर खर्च की घोषणा की, जबकि 67 प्रतिशत ने कार्यकतार्ओं पर खर्च बताया। वहीं, 61 प्रतिशत ने बैनर और पोस्टर जैसी प्रचार सामग्री पर खर्च किया। वर्चुअल प्रचार लगभग न के बराबर रहा, केवल एक विधायक ने इस क्षेत्र में खर्च की जानकारी दी। फंडिंग का मुख्य स्रोत राजनीतिक दल 
विधायकों द्वारा जुटाए गए कुल फंड का 75 प्रतिशत हिस्सा राजनीतिक दलों से आया। 11 प्रतिशत धन उम्मीदवारों के निजी संसाधनों से और 14 प्रतिशत धन व्यक्तियों, कंपनियों और अन्य संगठनों से प्राप्त हुआ।
सबसे ज्यादा खर्च करने वाले विधायक
सबसे अधिक खर्च करने वाले शीर्ष तीन विधायक भाजपा के हैं। आरके पुरम से अनिल कुमार शर्मा ने 31.91 लाख रुपये (80 प्रतिशत) खर्च किए, द्वारका से परद्युमन सिंह राजपूत ने 31.44 लाख रुपये (79 प्रतिशत) और जनकपुरी से आशीष सूद ने 30.68 लाख रुपये (77 प्रतिशत) खर्च किए।
सबसे कम खर्च करने वाले विधायक 
इसके विपरीत, सबसे कम खर्च करने वाले विधायक आम आदमी पार्टी से हैं। मटिया महल से आले मोहम्मद इकबाल ने 4.53 लाख रुपये (11 प्रतिशत), सीमा पुरी से वीर सिंह धिंगान ने 6.5 लाख रुपये (16 प्रतिशत) और दिल्ली कैंट से वीरेंद्र सिंह कादियान ने 6.54 लाख रुपये (16 प्रतिशत) खर्च किए।
क्रिमिनल केस वाले विधायकों का खर्च 
31 विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक आरोप घोषित किए हैं, जिनमें से 29 (94 प्रतिशत) ने अनिवार्य घोषणाओं को प्रकाशित करने पर खर्च की पुष्टि की।
रोहिणी से विजेंद्र गुप्ता का खर्च उपलब्ध नहीं 
दिलचस्प बात यह है कि 70 में से 69 विधायकों का खर्च उपलब्ध था, जबकि रोहिणी से विधायक विजेंद्र गुप्ता (भाजपा) का विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध न होने के कारण शामिल नहीं किया जा सका। एडीआर की इस रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि चुनावी खर्च के मामले में भाजपा आगे रही, जबकि आप के विधायकों ने अपेक्षाकृत कम खर्च किया।

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