दिल्ली में अब कुछ व्यवस्थाएं बदल गई है। अब से होटल, गेस्ट हाउस, स्विमिंग पूल, पार्लर, वीडियो गेम सेंटर, आडिटोरियम और मनोरंजन पार्क जैसे सात प्रकार के व्यवसायिक लाइसेंस अब दिल्ली पुलिस की मंजूरी के बिना ही मिल सकेंगे। एलजी वीके सक्सेना ने यह अधिकार दिल्ली पुलिस से वापस लेकर संबंधित नगर निकायों व विभागों को सौंप दिए हैं।
‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’
इस निर्णय को ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ के सिद्धांत की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। उपराज्यपाल ने इस संबंध में दिल्ली पुलिस आयुक्त और मुख्य सचिव को आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया कि लाइसेंसिंग की यह जिम्मेदारी अब दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद और छावनी परिषद को उनके अधिनियमों के तहत दी जाएगी। उपराज्यपाल ने उच्च न्यायालय द्वारा उपहार त्रासदी और सुशील अंसल बनाम राज्य मामले में दी गई सिफारिशों का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस बल पहले ही अत्यधिक दबाव में है और उसे मूल कर्तव्यों जैसे कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण पर केंद्रित करने की आवश्यकता है।
मूल जिम्मेदारियों का निर्वहन
बता दें कि इससे पहले अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) की अध्यक्षता में गठित समिति ने भी सुझाव दिया था कि दिल्ली पुलिस को गैर-प्राथमिक कार्यों से मुक्त किया जाए, ताकि वह अपनी मूल जिम्मेदारियों का बेहतर निर्वहन कर सके। समिति की रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि दिल्ली पुलिस स्टाफ की भारी कमी का सामना कर रही है।
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