Noida News: आवासीय और औद्योगिक एरिया पर कमर्शियल गतिविधियों को मंजूरी देने के लिए बनी मिक्स लैंड यूज पॉलिसी (Mixed Land Use Policy) में नोएडा प्राधिकरण बड़ा बदलाव करने जा रहा है। अहम बदलाव अब तक लगने वाल शुल्क पर होने वाला है। प्राधिकरण मान रहा है कि मौजूदा पाॅलिसी से राजस्व का नुकसान हो रहा है। अब तक सेक्टर के आवासीय या औद्योगिक व कमर्शियल दरों के अंतर का 10 प्रतिशत शुल्क लगता है। यह शुल्क जमा करने के बाद प्लॉट पर निर्माण योग्य जगह का 25 प्रतिशत उपयोग कमर्शियल गतिविधियों के लिए करने की स्वीकृति प्राधिकरण देता है। अब वह शुल्क 5 गुना चढ़ाकर करीब 50 प्रतिशत करने की तैयारी है।
मंजूरी देने वाली कमेटी में होगा बदलाव
बता दें कि मिक्स लैंड यूज पॉलिसी की मंजूरी के लिए बनने वाली कमेटी व मानक व अन्य नियमों में भी कुछ बदलाव प्रस्तावित हुए हैं। बदलाव की मंजूरी प्राधिकरण बोर्ड में प्रस्ताव रखकर लेने जा रहा है।
मंजूरी कुछ और हो रहा कुछ और
दरअसल, यह पॉलिसी मंजूरी 25 प्रतिशत उपयोग की, लेकिन मौके पर पूरा उपयोग हो रहा है। ऐसी शिकायते प्राधिकरण को मिल रही है। मौजूदा समय में प्रभावी मिक्स लैंडसूज पॉलिसी में शुल्क जमा करने के बाद प्लॉट के क्षेत्रफल पर मिलने वाले फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) का 25 प्रतिशत ही वाणिज्यिक गतिविधियों के उपयोग की मंजूरी मिलती है। लेकिन बहुत सी मंजूरी लेने वाले पूरे के पूरे प्लॉट का उपयोग हो कमर्शियल कर रहे हैं।
इस पाॅलिसी को इस लिए लाया गया था कि ऑटो शोरूम व आवासीय सेक्टरों में गेस्ट हाउस खुलने की मंजूरी पर प्रभाव शुल्क लगाया जाए। इसके लिए मिक्स लैंड यूज की मंजूरी देनी होगी। इस पर सेक्टर के आवासीय या औद्योगिक प्लॉट की आवंटन दरें व वाणिज्यिक आवंटन दर 50 प्रतिशत धनराशि को शुल्क किया गया था। यह एक बार में को जमा करने लिए नियम बना फिर अगले ही वर्ष प्राधिकरण यह शुल्क अंतर का 25 प्रतिशत था। इसके बाद 2015 में दिल्ली हवाला देते हुए इसे 25 से भी घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया था। इसके यही शुल्क लागू है। इसके साथ ही भी लागू है कि 24 मीटर या इस सड़क पर ही बदेलाव को मंजूरी दी बिजली, सीवरेज, जल समेत अन्य क पर पड़ने वाले दबाव का परीक्षण भी से प्राधिकरण करवाता है।