दलितों के मसीहा या कुछ और: चंद्रशेखर आजाद पर लगाएं गंभीर आरोप, कहा करते हैं केवल नाटक, बुरे फंस सकते है सांसद

यूपी के नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के मुखिया चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) की मुश्किलें बढती नजर आ रही़ हैं। दावा किया जा रहा है कि दलितों के मसीहा बनने का वो नाटक करते है। दरअसल, इंदौर की रहने वाली पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने उनके खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत दर्ज कर दी है। पिछले कुछ वक्त से चंद्रशेखर आजाद पर गंभीर आरोप लगाने वाली रोहिणी ने अब इस मामले को कानूनी लड़ाई में बदलने का ऐलान किया है। डॉ. रोहिणी घावरी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि आज से कानूनी लड़ाई की शुरुआत हो चुकी है।

डॉ. रोहिणी सोशल मीडिया पर दी जानकारी, कानूनी लड़ाई की घोषणा कर दी है। उन्होंनेे महिला आयोग में दर्ज शिकायत की रसीद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की है। डॉ. रोहिणी ने बताया कि आज से कानूनी लड़ाई की शुरुआत हो चुकी। सच सामने आकर रहेगा, मैं अपने स्वाभिमान सम्मान के लिए लड़ूंगी, पीछे नहीं हटूंगी। सत्य मेव जयते। वहीं इस मामले पर डॉ. रोहिणी लगातार मुद्दा उठा रही है।

चंद्रशेखर पर गंभीर शोषण के लगे आरोप
डॉ. घावरी का आरोप है कि चंद्रशेखर आजाद ने उनसे निजी रिश्ता रखा लेकिन अपनी शादी की बात छिपाई। उनका दावा है कि न केवल उन्हें, बल्कि कई अन्य लड़कियों को भी चंद्रशेखर (Chandrashekhar Azad) ने धोखा दिया और भावनात्मक शोषण किया है। उन्होंने कहा कि जब उन्हें चंद्रशेखर की शादी की सच्चाई पता चली, तो वह पूरी तरह टूट गईं थी। वहीं इस मामले पर नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) ने कहा कि यह एक महिला के सम्मान से जुड़ा मामला है और मैं इसका जवाब केवल कोर्ट में ही दूंगा। हालांकि डॉ. रोहिणी की ओर से शिकायत दर्ज किए जाने के बाद चंद्रशेखर के खिलाफ विरोध भी तेज हो गया है।वहीं डॉ. रोहिणी घावरी लगातार चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ हमला बोलती रही है। रोहिणी ने अपने एक पोस्ट में लिखा कि चन्द्रशेखर ने दिल्ली में गुप्त मीटिंग बुला कर सबके सामने स्वीकार किया की रिश्ता था साथ रहे लेकिन लगा की राजनीतिक सामाजिक नुकसान है तो छोड़ दिया। यहीं जवाब कोर्ट में दे के दिखाना अब। क्यों चंद्रशेखर मैं क्या कोई खिलौना हूं जो यूज कर के फेंक दिया। रोहिणी ने कहा कि मैं किसी की बेटी बहन इज्जत हूं जो तुमने किया है उसकी माफी नहीं सजा होगी याद रखना। अब कोर्ट में मिलते हैं।

चंद्रशेखर आज़ाद पर गंभीर आरोप लगाने के साथ साथ डॉ ने कहा कि वे दलितों के मसीहा बनने का केवल नाटक करते हैं, जबकि हकीकत में कुछ और है। केवल अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं के चलते दलितों की दिखावटी बात करते है। ऐसे में चंद्रशेखर पर कई सवाल खड़े होने लगे हैं।

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