News: खतना (circumcision) को लेकर भारत में लोगों की सोच धीरे-धीरे अब बदलती नज़र आ रही है, जो सामाजिक, सांस्कृतिक और चिकित्सीय कारकों से प्रभावित है। परंपरागत रूप से, खतना मुख्य रूप से धार्मिक या सांस्कृतिक कारणों से, विशेषकर मुस्लिम और यहूदी समुदायों में ही प्रचलित रहा है। हालांकि, हाल के वर्षों में लोगो का इसके प्रति दृष्टिकोण में बदलाव देखा जा रहा है, खासकर शहरी और शिक्षित वर्ग में।
1. चिकित्सीय दृष्टिकोण: कुछ लोग अब खतना को स्वास्थ्य लाभों, जैसे स्वच्छता, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) की रोकथाम, और कुछ यौन संचारित रोगों के जोखिम में कमी के लिए इस रास्ते को चुन रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों के अध्ययनों ने इन लाभों को कुछ हद तक समर्थन दिया है, जिससे गैर-धार्मिक परिवारों में भी इसकी स्वीकार्यता काफ़ी बढ़ी है।
2. सामाजिक जागरूकता और बहस: सोशल मीडिया और इंटरनेट के युग में, खतना को लेकर वैश्विक बहस ने भारतीय समाज को भी अक्षुता नहीं छोड़ा है। कुछ लोग इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता और शारीरिक अखंडता (bodily autonomy) के दृष्टिकोण से भी देखते नज़र आ रहा हैं, जिसके कारण वे इसे अनावश्यक या बच्चों पर थोपी गई प्रक्रिया मानते हैं। यह प्रचलन विशेष रूप से युवा पीढ़ी में बढ़ रहा है।
3. सांस्कृतिक बदलाव: शहरीकरण और वैश्वीकरण के साथ, लोग परंपराओं पर सवाल उठा रहे हैं। कई परिवार अब खतना को धार्मिक बाध्यता के बजाय वैकल्पिक प्रक्रिया के रूप में देखते हैं। वहीं, कुछ समुदायों में इसे परंपरा और पहचान के हिस्से के रूप में मजबूती से बनाए रखा जा रहा है।
4. विवाद और नैतिक सवाल: खतना को लेकर नैतिक बहस भी अब जा कर तेज हुई है। कुछ लोग इसे बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन मानते हैं, क्योंकि यह प्रक्रिया अक्सर बिना सहमति के ही की जाती है। दूसरी ओर, इसके समर्थक इसे सुरक्षित और लाभकारी मानते हैं।
5. चिकित्सा सुविधाओं का प्रभाव: आधुनिक चिकित्सा तकनीकों और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं ने खतना को सुरक्षित और कम दर्दनाक बना दिया है, जिससे कुछ लोगों का इसे अपनाने का डर अब कम हुआ है।
हालांकि, यह बदलाव एक समान नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों और रूढ़िवादी समुदायों में खतना अभी भी मुख्य रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक कारणों से ही किया जाता है, जबकि शहरी और शिक्षित वर्ग में इसे लेकर अधिक तर्कसंगत और व्यक्तिगत पसंद आधारित दृष्टिकोण से देखा जा रहा है