पढ़ाई के वीजा पर आए नाइजीरियन चला रहे थे ड्रग्स फैक्ट्री, सरगना की तलाश, 200 करोड़ की ड्रग्स बरामद
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पढ़ाई के वीजा पर आए नाइजीरियन चला रहे थे ड्रग्स फैक्ट्री, सरगना की तलाश, 200 करोड़ की ड्रग्स बरामद

आमतौर पर ऐसा फिल्मों में ही देखने को मिलता है कि कोई व्यक्ति विदेश से आए और दूसरा व्यक्ति उसके पासपोर्ट वीजा व अन्य कागजात अपने पास रख लं,े फिर उससे बधवा मजदूरों की तरह काम कराएं। ऐसा ही सूरजपुर क्षेत्र में होता हुआ मिला। जब पुलिस ने ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री पर छापेमारी की पुलिस को मौके से 200 करोड़ रुपए की बनी हुई और 100 करोड रुपए की अर्ध बनी ड्रग्स बरामद हुई है। गौतम बुध नगर की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि थाना बीटा-2 पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था जिससे पूछताछ के आधार पर पता चला कि थीटा टू में कुछ लोग ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री चला रहे हैं और यहीं पर उन्होंने लैब भी स्थापित की हुई है। इसी आधार पर डीसीपी साद मियां खान के नेत्तृव में दादरी थाना प्रभारी सुजीत उपाध्याय,एएसपी अरिंवद कुमार, स्वाट टीम के प्रभारी यतेन्द्र कुमार, बीटा 2 थाना प्रभारी विनोद कुमार मिश्रा, एसआई सतेन्द्र कुमार,पंकज राठी,अंकित, रितेश कुमार, सचिन जावला एचसीपी प्रभात कुमार,कुलदीप मावी, सुनील कुमार, राशिद अली, संदीप, सबलेन्द्र, पुनित कुमार,अमित कुमार,विनय, अमित, मोहित, सुमित कुमार ने छापेमारी की थी। कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने दावा किया कि मौके पर छापेमारी के बाद पूरा सेटअप देखकर लग रहा था कि यह 2 या 4 महीने से नहीं चल रहा बल्कि कई सालों से यहां पर ड्रग्स बनाने का काम हो रहा है। पुलिस ने कुल आठ नाइजीरियन को गिरफ्तार किया है। फिलहाल पुलिस यह पता लगा रही है कि यह गिरोह कहां कहां पर ड्रग्स की सप्लाई करता है।

 

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नेटवर्क को करेंगे ध्वस्तः लक्ष्मी सिंह
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कहा कि ड्रग्स का कारोबार करने वाले इस गिरोह का नेटवर्क पूरी तरह ध्वस्त किया जाएगा। पुलिस पता लगा रही है कि इनके साथ सप्लाई में कौन-कौन व्यक्ति और कहां-कहां से जुड़ा है। अब तक की जांच पड़ताल में पता चला है कि एक व्यक्ति है जिसने उनके पासपोर्ट और अन्य कागजात अपने पास रखे हुए हैं। उस व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है जल्दी उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बड़ी मात्रा में यह लोग ड्रग्स सप्लाई करते थे। कॉलेज यूनिवर्सिटीज में इनकी ड्रग जाती थी या नहीं इसका भी पता लगाया जा रहा है। मौके से कोई कागजात बरामद नहीं हुआ है। जिस कारण पुलिस के सामने कई दिक्कतें आ रही हैं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होते ही कमिश्नर का घुटने लगा दम

थाना बीटा-2 में जब प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हुई तो कमिश्नर लक्ष्मी सिंह खांसने लगी खासते खासते उन का दम घुटने लगा। फिर वह उठकर गई और पानी पीने के बाद दो-तीन मिनट इधर-उधर टहने के बाद फिर आकर उन्होंने मीडिया कर्मियों को बताना शुरू किया। इस ड्रग्स फैक्ट्री का किस तरह से भंडाफोड़ हुआ है। उन्होंने कहा कि जिस वक्त फैक्ट्री में छापेमारी की गई तो वह भी मौके पर गई थी। अब यहां आकर फिर दोबारा से उन्हें ड्रग्स की स्मेल घुटन कर रही हैं।

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क्रिप्टो करेंसी में करते थे पेमेंट
ड्रग सप्लाई के बाद लेनदेन कैसे होता था। इस सवाल पर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कहा कि यह ज्यादातर लेनदेन अज्ञात सोर्स द्वारा किया करते थे। अब तक जितना पता चला है उससे कहा जा सकता है कि ड्रग्स की सप्लाई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होती थी। तो उसकी पेमेंट क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से यह लोग लिया करते थे। इनके बैंक अकाउंट कहां कहां पर हैं इसका पुलिस पता लगा रही है जब तक कागजात नहीं मिलेंगे तब तक कुछ भी कहना सही नहीं है।

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