कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस प्रशासन तैयारियां कर रहा है। इस सब के बीच नेश्नल हाईवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया ने भी तैयारी शुरू कर दी है। एनएचएआइ ने मंगलवार को राज्य प्रशासन के अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा बैठक की। एनएचएआइ के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने बैठक का नेतृत्व किया। कांवड़ यात्रा के मार्ग से संबंधित विभिन्न मुद्दों जैसे जलभराव, गड्ढे, पर्याप्त, अतिरिक्त स्ट्रीट लाइटिंग सुनिश्चित करना, राजमार्गों पर अवैध कट, अल्पकालिक सड़क सुरक्षा उपायों का कार्यान्वयन और सड़क संकेतक आदि का समाधान करना था। एनएचएआइ चेयरमैन संतोष यादव ने पश्चिमी उप्र के मंडल आयुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ की बैठक की। इस दौरान उन्हें बताया कि एनएचएआइ आगामी दिनों में कावड़ यात्रा को लेकर मार्गों पर कैसे तैयारी कर रहा है।
ये बनाया है पूरा प्लान
बता दें कि एनएचएआइ कावड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने इंतजाम करेगा। अनाधिकृत कट बंद कर दिए गए हैं। कुछ जगहों पर खुले हैं। उन्हें भी एक-दो दिन में बंद करें दिया जाएगा। कावंड़ यात्रियों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है।
एनएचएआइ के चेयरमैन संतोष कुमार यादव बोलें
एनएचएआइ के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने न्यूनतम व्यवधान के साथ कांवड़ यात्रा के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने का आग्रह किया। उन्होंने एनएचएआइ के अधिकारियों को स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय करने, तीर्थयात्रियों की सहायता करने और कांवड़ मार्ग पर पर्याप्त गश्ती वाहन, एंबुलेंस, क्रेन तैनात करने और टोल प्लाजा पर कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। एनएचएआइ के सदस्य विशाल चैहान ने एनएचएआइ के क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्माणाधीन परियोजनाओं के आसपास यात्रियों और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, बेरिकेडिंग की व्यवस्था, उचित डायवर्जन, अंधेरे वाले इलाकों पर रिफ्लेक्टिव बोर्ड और साइनेज लगाने, जल निकासी कवर लगाने, अनधिकृत कटों को बंद करने और एंबुलेंस और क्रेन जैसे आपातकालीन सेवा प्रदाताओं के संपर्क विवरण प्रमुखता से प्रदर्शित करने का निर्देश दिया।
बैठक में ये अफसर रहे मौजूद
बैठक में कमिश्नर संहारनपुर अटल कुमार राय, कमिश्नर मुरादाबाद आंजनेय कुमार सिंह, कमिश्नर मेरठ डा. ऋषिकेश भास्कर यशोद, कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले जिलों के डीएम, एसएसपी, एसपी और पुलिस अधिकारी, पीडब्ल्यूडी अधिकारी शामिल हुए। इसके अलावा यूपी और उत्तराखंड राज्य में एनएचएआइ फील्ड कार्यालयों के संबंधित अधिकारियों ने भी भाग लिया।