Sealing Madrasas in Uttarakhand: जमीयत उलेमा ए हिंद के सदर मौलाना सैय्यद अरशद मदनी ने आजमगढ़ में एक सम्मेलन के दौरान बड़ी बात कही उन्होंने कहा पहले असम और फिर उत्तराखंड में मदरसों को टारगेट किया जा रहा है। ज़मीनी स्तर पर देखें तो अरशद मदनी की ये बात सही साबित होती है। उत्तराखंड में मदरसों में सरकार सीलिंग की कार्रवाई कर रही है कार्रवाई करने वाले प्रशासन से पूछा जाता है तो वो ऊपर से आदेश बताते है आदेश किसने दिया है ये नहीं बता पाते मदरसा संचालकों का कहना है कि उन्होंने सभी सरकारी फॉर्मैलटी पूरी कर रखी बावजूद इसके कार्रवाई हो रही। बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार ने अवैध और अपंजीकृत मदरसों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। अब तक पूरे राज्य में 170 से अधिक मदरसों को सील कर दिया है। उत्तराखंड सीएमओ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इन मदरसों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष सर्वेक्षण दल गठित किए गए थे, जिनकी रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने यह सख्त कार्रवाई की है। उत्तराखंड के संवेदनशील इलाकों में इन कार्रवाइयों का सबसे ज्यादा असर देखने को मिला है। देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और खासकर वनभूलपुरा (हल्द्वानी) जैसे इलाकों में कई अवैध मदरसे या तो बंद कर दिए गए हैं या उनकी जांच चल रही है। इनमें से कई जगहों पर न तो भवन निर्माण की अनुमति ली गई थी और न ही कोई शैक्षणिक मान्यता या सुरक्षा मानदंड पूरे किए गए थे।
सीएम धामी ने कहा
इस मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने साफ कहा है कि उत्तराखंड को किसी भी अवैध, असंवैधानिक या समाज को तोड़ने वाली गतिविधियों का केंद्र नहीं बनने दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि शिक्षा के नाम पर बच्चों को कट्टरपंथ की ओर ले जाने वाली संस्थाओं को राज्य में किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
स्थानीय लोगों ने कहा कि ये कार्रवाई सरकार की ओर से एक वर्ग को दबाने की कोशिश। मौलाना अरशद मदनी ने अपने बयान में कहा कि आजादी की लड़ाई मदरसों से ही शुरू हुई थी।