Ghaziabad: बिल्डर ने अफसरों की मिलीभगत से किसानों की लगाया चूना
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Ghaziabad: बिल्डर ने अफसरों की मिलीभगत से किसानों की लगाया चूना

गाजियाबाद में 200 करोड़ की धोखधड़ी में बिल्डर ने लोगों को फ्लैट बेचने के नाम पर ही नहीं बल्कि प्रोजेक्ट बनाने के लिए जमीन खरीदने के नाम पर भी किसानों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया है। बिल्डर ने दूसरी कंपनी बनाकर संजयनगर के रहने वाले अमित त्यागी से बाहुबली एंक्लेव नाम से कॉलोनी बनाने के नाम पर 12 करोड़ 60 लाख रुपये लिए थे। आरोप है कि बिल्डर ने जमीन के 12.60 करोड़ रुपये या 200-200 वर्ग गज के 15 प्लॉट देने का झांसा देकर पावर ऑफ अटार्नी अपने नाम करा ली। फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी का पता चलने पर अमित त्यागी ने मधुबन बापूधाम थाने में एफआईआर कराई है।
दर्ज रिपोर्ट में अमित त्यागी ने बताया कि आइडिया बिल्डर के निदेशक राजकुमार जैन और उसके बेटों ने 2017 में मोरटा में उनकी करीब 12.60 करोड़ रुपये की जमीन पर एक कॉलोनी बनाने की बात कही गई थी, जिसमें उन्होंने 12.60 करोड़ रुपये या 200-200 वर्ग गज के 15 प्लॉट देने की बात पर सौदा किया। उनका कहना है कि राजकुमार जैन ने नक्शा पास करवाने के नाम पर पावर ऑफ अटार्नी करवाई और अपने ही परिवार के लोगों के नाम पर प्लॉट की रजिस्ट्री करा ली। इस बीच में में राजकुमार जैन ने उन्हें केवल 19 लाख रुपये दिए। बाकी रकम का तकादा किया तो उन्होंने रुपये देने से इनकार कर दिया और धमकी देने लगे। अमित त्यागी ने मधुबन बापूधाम थाने में विजयंत जैन, प्रतीक जैन, वीरेंद्र, अक्षय, नमन और राजकुमार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। मधुबन बापूधाम थाना प्रभारी डॉ. नीरज तोमर का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

अब तक नौ आरोपी गिरफ्तार
पुलिस मामले में राजकुमार जैन, नमन जैन, अक्षय जैन, अनुशा जैन, इंदु जैन, ऋषभ जैन, प्रतीक जैन समेत अन्य दो आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
जीडीए के अफसर की मिलीभगत
इस मामले में जैन परिवार व उनके साथियों पर जिले में अलग-अलग थानों में 120 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें से करीब 50 मामलों में पुलिस आरोपी दाखिल कर चुकी है। अधिकांश केस में बैंक अफसरों की भूमिका संदिग्ध बताई गई है। ये स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और इलाहाबाद बैंक के अधिकारी हैं। इनमें से सात मामलों में जीडीए के अफसरों की मिलीभगत का भी आरोप लगाया गया है। मामले की जांच क्राइम ब्रांच व एसआईटी कर रही है। जीडीए अफसरों की शह पर ही धोखाधड़ी को अंजाम दिया जा रहा था।

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