ग्रेटर नोएडा:यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) डॉ. अरुण वीर सिंह का कार्यकाल, जो अब तक कई बार बढ़ाया गया है, प्राधिकरण की महत्वाकांक्षी योजनाओं और जमीनी विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अध्याय रहा है। उनके नेतृत्व में प्राधिकरण ने कई बड़े प्रोजेक्ट्स को आगे बढाया गया है। कोरोना काल में जब लोग बिजनेस करने की बजाय घर बेठे थे, तब यमुना प्राधिकरण के अफसरों ने पेपरलेस आवंटन को बढावा दिया। आॅनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से बिजनेस के लिए भूखंड आवंटित किये। प्राधिकरणों में कोरोना की वजह से दफ्तर बंद रहे मगर यमुना प्राधिकरण ने इस संकट को अवसर मानते हुए प्राधिकरण को कर्ज से उभार दिया।
सेवा विस्तार: एक नज़र
डॉ. अरुण वीर सिंह (Dr. ArunVeer Singh) को यमुना प्राधिकरण के सीईओ के रूप में तीन बार सेवा विस्तार मिला है। उनका यह लगातार विस्तार प्राधिकरण की परियोजनाओं की निरंतरता और उनके द्वारा किए गए कार्यों में सरकार के विश्वास को दर्शाता है। यह सेवा विस्तार उन्हें प्राधिकरण की दीर्घकालिक योजनाओं को पूरा करने और क्षेत्र के आर्थिक और औद्योगिक विकास को गति देने का अवसर देता है।
प्राधिकरण की योजनाएं और विकास की गाथा
डॉ. अरुण वीर सिंह के कार्यकाल में यमुना प्राधिकरण ने कई दूरदर्शी योजनाओं को मूर्त रूप दिया है, जिन्होंने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे के क्षेत्रों को विकास के नए आयाम दिए हैं:
- नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (जेवर एयरपोर्ट): यह डॉ. सिंह के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। यह परियोजना न केवल क्षेत्र में हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगी, बल्कि बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी। इसका विकास कार्य तेजी से चल रहा है और यह क्षेत्र को एक वैश्विक पहचान दे रहा है।
- फिल्म सिटी: जेवर के पास प्रस्तावित फिल्म सिटी परियोजना भी एक गेम चेंजर साबित होगी। यह मनोरंजन उद्योग को एक नया केंद्र प्रदान करेगी और रोजगार के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। प्राधिकरण इस परियोजना को तेज़ी से आगे बढ़ा रहा है।
- मेडिकल डिवाइस पार्क: यह पार्क चिकित्सा उपकरण निर्माण के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यहां कई बड़ी कंपनियां निवेश कर रही हैं, जिससे उच्च तकनीक वाले उद्योगों का विकास होगा।
- लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग हब: यमुना एक्सप्रेसवे की रणनीतिक स्थिति का लाभ उठाते हुए, प्राधिकरण ने लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग के लिए कई बड़े हब विकसित किए हैं। ये हब आपूर्ति श्रृंखला को सुगम बनाते हैं और व्यापार को बढ़ावा देते हैं।
- आवासीय और औद्योगिक भूखंडों का आवंटन: प्राधिकरण ने विभिन्न श्रेणियों में आवासीय और औद्योगिक भूखंडों का सफल आवंटन किया है, जिससे बड़ी संख्या में निवेशकों और निवासियों को आकर्षित किया गया है। यह क्षेत्र में नियोजित विकास और जनसंख्या वृद्धि को सुनिश्चित करता है।
- बुनियादी ढांचा विकास: डॉ. सिंह के नेतृत्व में प्राधिकरण ने सड़कों, सीवरेज, जल आपूर्ति और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया है। बेहतर बुनियादी ढांचा निवेशकों और निवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है।
रिटायरमेंट के बाद कैसे मैनेज होंगे किसान और विकास
डॉ. अरुण वीर सिंह का यमुना प्राधिकरण के सीईओ के रूप में विस्तारित कार्यकाल क्षेत्र के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। बताया जाता है यमुना प्राधिकरण में जिस वक्त डॉ अरुणवीर सिंह सीईओ बनकर आए। किसानों की समस्या जटिल थी और विकास कार्य रुके हुए थे। उन्होंने अपनी सूझबूझ से दोनों को ही आगे बढ़ाया। किसानों की समस्याओं को खत्म कराया और विकास की नई इबारतें लिख डाली। तब से ही यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में प्रॉपर्टी के दाम भी बढ़ते चले गए और प्राधिकरण भी अपने सर्किल रेट बढ़ाता रहा। सवाल यही है कि अब डॉ अरुणवीर सिंह के रिटायरमेंट के बाद क्या ये ऐसे ही जारी रहेगा। उनका कार्यकाल निश्चित रूप से यमुना प्राधिकरण के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में याद किया जाएगा।