दिल्ली में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ्तार, 47 नए मरीजों के साथ बीमारों की संख्या 500 के करीब

Delhi Covid Cases:  राजधानी दिल्ली में एक बार फिर कोरोना वायरस का खतरा गहराने लगा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार तक दिल्ली में सक्रिय कोरोना संक्रमितों की संख्या 483 तक पहुंच चुकी है। संक्रमण की गंभीरता इस बात से भी झलकती है कि आज टीबी से पीड़ित एक 22 वर्षीय युवती की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। इसके साथ ही दिल्ली में अब तक कोरोना से चार मौतें दर्ज की जा चुकी हैं।
हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार स्थिति अभी पूरी तरह से चिंताजनक नहीं है। इंडियन काउंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में संक्रमण का स्तर गंभीर नहीं है, लेकिन हर व्यक्ति को सतर्क रहने की जरूरत है।
दिल्ली में रविवार के मुकाबले सोमवार को नए मामलों में थोड़ी गिरावट भी दर्ज की गई है। जहां रविवार को 61 नए मामले सामने आए थे, वहीं सोमवार को यह आंकड़ा घटकर 47 रह गया।
देशभर में बढ़े मामलों ने बढ़ाई चिंता
• 22 मई को देश में सिर्फ 257 सक्रिय मामले थे।
• 26 मई तक यह संख्या बढ़कर 1,010 हो गई।
• 31 मई को आंकड़ा 3,395 तक पहुंचा।
• और अब 2 जून तक यह 3,961 हो गया है।
पिछले 24 घंटों में ही 203 नए कोरोना केस सामने आए हैं और 4 लोगों की मौत हुई है। ये मौतें दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से रिपोर्ट की गई हैं।
कोरोना के बढ़ते मामलों पर हाईकोर्ट सख्त
देशभर में कोविड-19 के मामलों में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से सैंपल कलेक्शन पॉलिसी, कलेक्शन सेंटर और सैंपल ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ी विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने महामारी की रोकथाम के लिए बनाई जा रही रणनीतियों की पारदर्शिता पर चिंता जताते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोविड की अगली लहर अब भी खत्म होने से बहुत दूर है।
हाईकोर्ट का यह निर्देश डॉ. रोहित जैन की ओर से दायर अवमानना याचिका पर आया, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि अधिकारी अदालत के पुराने आदेशों के बावजूद कोविड सैंपल कलेक्शन और ट्रांसपोर्टेशन के न्यूनतम मानकों को लागू करने में विफल रहे हैं। अब यह मामला अगली सुनवाई के लिए 18 जुलाई को सूचीबद्ध किया गया है, जिस दिन केंद्र सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।

 

यह भी पढ़ें: दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने बद्रीनाथ में देश-प्रदेशों के विकास के लिए की प्राथर्ना, उत्तराखंड के लिए कहा..

यहां से शेयर करें