Delhi। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सोमवार को विधानसभा की प्रक्रिया में ऐतिहासिक सुधारों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि विधानसभा नियमावली के नियम 280 की समीक्षा कर उसमें संशोधन किया जा रहा है, जिससे उसे लोकसभा और राज्यसभा की प्रक्रिया के अनुरूप बनाया जाएगा। यह परिवर्तन एनसीटी दिल्ली (संशोधन) अधिनियम 2021 के तहत किया जाएगा। इस सुधार के तहत विधान भाषा को सरल और लैंगिक-निरपेक्ष बनाने पर जोर दिया जाएगा, ताकि विधानसभा की कार्यप्रणाली अधिक समावेशी, स्पष्ट और समानता आधारित हो सके। अध्यक्ष गुप्ता ने इसे ह्लसंविधान और समावेशिता के मूल्यों की ओर एक सकारात्मक कदमह्व बताया।
100वां कार्यदिवस, विशेष रिपोर्ट कार्ड
गुप्ता ने जानकारी दी कि 4 जून को आठवीं विधानसभा का 100वां कार्य दिवस है। इस अवसर पर विधानसभा के पहले 100 दिनों की प्रमुख उपलब्धियों, निर्णयों और सुधारों को दशार्ते हुए एक विशेष रिपोर्ट कार्ड प्रकाशित किया जाएगा। यह दस्तावेज पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन की दिशा में विधानसभा की प्रतिबद्धता को रेखांकित करेगा।
सत्रों और बैठकों में ऐतिहासिक वृद्धि
उन्होंने बताया कि इस अवधि में दो पूर्ण सत्र आयोजित किए गए, जबकि पहले केवल एक ही सत्र होता था। कुल 12 बैठकें हुईं, जिनमें कुल 46 घंटे 16 मिनट तक कार्य हुआ, जो पिछले 25 वर्षों में सबसे अधिक है। कई बार कार्यवाही रात 7 बजे तक चली। अब से सदन को ‘अवसान’ किया जा रहा है, न कि ‘अनिश्चितकाल के लिए स्थगित’, जो अधिक नियोजित और उत्तरदायी कार्यप्रणाली को दशार्ता है।
डिजिटल निगरानी प्रणाली की शुरूआत
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडर और दिव्यांग व्यक्तियों के हितों की रक्षा के लिए दो नई समितियां गठित की गई हैं। इन समितियों के कार्य ढांचे को लोकसभा और राज्यसभा की सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का अध्ययन कर तैयार किया जाएगा।
वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की छह लंबित रिपोर्टें सदन में प्रस्तुत की गई हैं। इसके साथ ही एक आॅडिट पैरा मॉनिटरिंग सिस्टम (एपीएमएस) मोबाइल ऐप भी विकसित किया जा रहा है, जिससे आॅडिट सिफारिशों पर निगरानी और अनुपालन की प्रक्रिया डिजिटल और पारदर्शी हो सकेगी।
विधानसभा को सांस्कृतिक धरोहर में बदलने की योजना
अध्यक्ष गुप्ता ने यह भी बताया कि दिल्ली विधानसभा भवन को एक जीवंत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। भवन की पारंपरिक तकनीकों से मरम्मत, एक विधान संग्रहालय की स्थापना और भारत की लोकतांत्रिक यात्रा को दशार्ने वाली प्रदर्शनियों की योजना तैयार की गई है। इसके अलावा गाइडेड टूर, सूचना बोर्ड और मल्टीमीडिया प्रस्तुतियां भी शामिल की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि यह वही भवन है जिसने भारत की पहली संसद को साक्षी बनाया था। इसे राष्ट्रीय धरोहर के रूप में विकसित करना हमारा सांस्कृतिक दायित्व है।
पर्यटन स्थल के रूप में होगा विकास
गुप्ता ने बताया कि इस परियोजना को केंद्र सरकार का समर्थन प्राप्त हो रहा है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है। केंद्र के सहयोग से दिल्ली विधानसभा को एक राष्ट्रीय स्तर के धरोहर और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
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