Noida News: भारत में लगाई गई इमरजेंसी के 50 वर्ष पूरे हो गए। 50 वर्ष पूरे होने पर भाजपा ने जनता को याद दिलाया कि ये वक्त किस तरह से देश में गुजरा था। इसी क्रम में नोएडा पहुंचे यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम एवं राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहाँ कि कांग्रेस जो आज ऑपरेशन सिन्दूर पर सवाल उठा रही है। उसे अपने इतिहास को भी देख लेना चाहिए। ओपरेशन सिन्दूर देश के लिए गर्व की बात है लेकिन कांग्रेस पाकिस्तान की भाषा बोलती है। ऑपरेशन सिन्दूर पर सवाल उठाए। ताकि खबरें अलग अलग अखबारों में और चैनलों पर चले ताकि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में जाकर इन खबरों को सबूत के रूप में दिखा सके।
दरअसल, भाजपा नोएडा महानगर द्वारा सेक्टर 12 स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में ’आपातकाल के 50 वर्षो पर संगोष्ठी’ आपातकाल पर प्रदर्शनी और प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें दिनेश शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
इस प्रेस वार्ता में राज्य सभा सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और सांसद डॉ महेश शर्मा, पूर्व राज्यसभा सांसद और नोएडा प्रभारी कांता कर्दम, जिलाध्यक्ष महेश चैहान और क्षेत्रीय मंत्री आशीष वत्स मौजूद रहे। दिनेश शर्मा ने आपातकाल पर कहा आज का दिन संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। 1975 को समय था जिसमें जो संविधान की रक्षा करने वाले ही संविधान को मिटने में लग गए। राष्ट्रपति को रात को उठा कर इमरजेंसी लगाई गई। इंद्रा गांधी और कांग्रेस ने मिल कर पूरे देश में अशांति फैला दी और सभी की आवाज को दबा दिया। कोई भी भारतीय यह कभी नहीं भूलेगा कि आपातकाल के दौरान संविधान की भावना का कैसे हनन किया गया। आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास के सबसे अंधकारमय अध्याय में से एक है, आपातकाल में संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया साथ ही प्रेस की स्वतंत्रता का गला दबा दिया गया और व्यापक पैमाने पर राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डालने का काम किया गया।
जबरन की गई लोगों की नसबंदी
उन्होंने कहा कि उस वक्त ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था. युवा से लेकर बुर्जुग तक ही नसबंदी कर दी गई। कानून का खुला उलंघन कांग्रेस सरकार ने किया और राजनेता से लेकर हर वर्ग के लोगों को जेल में बंद कर दिया गया।
सांसद डॉ महेश शर्मा बोले
सांसद डॉ महेश शर्मा ने इस मौके पर कहा आपातकाल के समय लोकतंत्र और मौलिक अधिकारों की हत्या कर दी गई थी और जिस तरह प्रेस पर सेंसरशिप और जबरन नसबंदी जैसे अमानवीय कार्य किए गए थे।
ये नेता रहे मौजूद
कार्यकम में राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल, नबाब सिंह नगर, बिमला बाथम, मनोज गुप्ता, विनोद त्यागी, जुगराज चौहान, हरीश चंद्रा भाटी, महेश अवाना, विनोद शर्मा, गिरीश कोटनाला, अशोक मिश्रा, संजय बाली, तन्मय शंकर, उम्मंदन कौशिक, प्रज्ञा पाठक, मनीष शर्मा, नरेश शर्मा, पूनम सिंह, योगेंद्र चौधरी, ओमवीर अवाना, चमन अवाना,भूपेश चौधरी, रामनिवास यादव, डिंपल आनंद, उमेश त्यागी, गणेश जाटव, करतार सिंह, विपिन चौधरी, शारदा चतुर्वेदी, हर्ष चतुर्वेदी, धर्मेंद्र गुप्ता, अमित त्यागी, अतुल त्यागी, सुशील शर्मा, करतार सिंह, आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।