Illegal construction in Noida: नोएडा शहर में अवैध निर्माण की समस्या एक गंभीर चुनौती बनी हुई है, जिससे निपटने के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण लगातार कार्रवाई कर रहा है। हालांकि अब प्राधिकरण के सभी वर्क सर्किल अपने अपने क्षेत्र में भूमाफिया चिन्हित करेंगे। बता दें कि हाल के महीनों में प्राधिकरण ने कई क्षेत्रों में व्यापक तोड़फोड़ अभियान चलाया है, जिसमें नियमों का उल्लंघन कर बनाए गए ढांचे ध्वस्त किए गए हैं। हालांकि, इस मुहिम में प्राधिकरण को कई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ रहा है।
क्या कहते है अफसर
प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, अवैध निर्माण के खिलाफ यह कार्रवाई शहर की सुनियोजित विकास प्रक्रिया को सुनिश्चित करने और आम नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि विभिन्न सेक्टरों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों और अधिसूचित क्षेत्रों में, बिना अनुमति के या स्वीकृत मानचित्रों का उल्लंघन कर बड़ी संख्या में निर्माण कार्य किए जा रहे थे। इन निर्माणों के कारण न केवल शहर की सुंदरता प्रभावित हो रही थी, बल्कि बुनियादी ढांचे पर भी दबाव बढ़ रहा था। प्राधिकरण ने इन अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। टीमों का गठन कर नियमित रूप से निरीक्षण किया जा रहा है और उल्लंघनकर्ताओं को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इसके बाद, आवश्यक प्रक्रिया का पालन करते हुए, बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माणों को जमींदोज किया जा रहा है।
इन स्थानों पर चलाया अभियान
हाल ही में सेक्टर 104 गांव हाजीपुर, सलारपुर, बरौला, सोरखा, सेक्टर-150, सेक्टर-74, और कई अन्य इलाकों में इस तरह की कार्रवाई देखने को मिली है, जहां कई बहुमंजिला इमारतों और व्यावसायिक परिसरों के अवैध हिस्सों को ध्वस्त किया गया। हालांकि, प्राधिकरण के लिए यह राह आसान नहीं है। अवैध निर्माण की समस्या की जड़ें गहरी हैं और इसे पूरी तरह से खत्म करने में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं।
राजनीतिक लोग बनाते है दबाव
बता दें कि इनमें सबसे प्रमुख है राजनीतिक दबाव। अक्सर, स्थानीय नेता और प्रभावशाली व्यक्ति अवैध निर्माण करने वालों का समर्थन करते हैं, जिससे प्राधिकरण के अधिकारियों पर कार्रवाई न करने का दबाव बनता है। इसके अतिरिक्त, प्राधिकरण के पास पर्याप्त कर्मचारियों और संसाधनों की भी कमी है। पूरे शहर में फैले अवैध निर्माणों की निगरानी करना और उन पर त्वरित कार्रवाई करना एक कठिन कार्य है। कानूनी प्रक्रियाएं भी इसमें बाधा डालती हैं। कई बार, अवैध निर्माण करने वाले न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त कर लेते हैं, जिससे विध्वंस की प्रक्रिया रुक जाती है और मामला लंबा खिंच जाता है। एक और बड़ी चुनौती संगठित गिरोहों की संलिप्तता है। कुछ ऐसे गिरोह सक्रिय हैं जो भू-माफियाओं के साथ मिलकर सुनियोजित तरीके से अवैध प्लाटिंग और निर्माण करते हैं। इन गिरोहों का नेटवर्क इतना मजबूत होता है कि प्राधिकरण के लिए उन तक पहुंचना और प्रभावी कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता है। इन चुनौतियों के बावजूद, नोएडा प्राधिकरण अवैध निर्माण के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए दृढ़ संकल्पित है। अधिकारियों का कहना है कि वे तकनीकी सहायता और अधिक कर्मचारियों की तैनाती जैसे उपायों के माध्यम से अपनी क्षमता को बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। साथ ही, आम नागरिकों से भी अपील की जा रही है कि वे अवैध निर्माण की जानकारी तुरंत प्राधिकरण को दें ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके। नोएडा को एक सुव्यवस्थित और रहने योग्य शहर बनाए रखने के लिए अवैध निर्माण पर नियंत्रण पाना अत्यंत आवश्यक है। प्राधिकरण की कार्रवाई निश्चित रूप से एक सकारात्मक कदम है, लेकिन इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए चुनौतियों का सामना करना और एक मजबूत रणनीति तैयार करना होगा। देखना यह होगा कि प्राधिकरण इन मुश्किलों पर कैसे पार पाता है और नोएडा को अवैध निर्माण के अभिशाप से मुक्त कराने में कितना सफल होता है।
नोएडा में अवैध निर्माण पर प्राधिकरण का हल्का शिकंजा लेकिन चुनौतियां बरकरार, जानिए अधिसूचित जमीन पर धड़ल्ले से कैसे बन रहे फ्लैट
