एमपी में 30 हजार करोड़ का घोटला, अब सीएम ने अपने मंत्री के खिलाफ शुरू कराई जांच

मध्य प्रदेश से 30 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है, जिसके चलते भाजपा की किरकिरी हो गई है और सियासत गर्म हो गई है। राज्य की मंत्री संपत्तियां उइके पर जल जीवन मिशन के केंद्र द्वारा मिले फंड में धंधली करने के आरोप लगे हैं। इसके चलते मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) के निर्देश पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने मंत्री के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। जांच में देखा जाएंगा कि मंत्री ने क्या क्या घपले किये है।

दरअसल, जांच इंजीनियर-इन-चीफ (ईएनसी) संजय अंधावन ने इस मामले में मंत्री संपतिया उइके और एक कार्यकारी अभियंता पर भ्रष्टाचार के मामले में जांच का आदेश दिया गया है। मामले में आरोप हैं कि इन्होंने जल जीवन मिशन के तहत भारत सरकार द्वारा मध्य प्रदेश को दिए गए 30,000 करोड़ रुपये के धन में हेराफेरी की और मंत्री के लिए पैसा जुटाया।

ईएनसी संजय अंधावन ने पीएचई विभाग के सभी क्षेत्रों के मुख्य अभियंता और एमपी जल निगम लिमिटेड, भोपाल के परियोजना निदेशक को पत्र भेजा है। इन सभी अधिकारियों को सात दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है। हालांकि इस मामले में अभी तक राज्य सरकार की मंत्री संपतिया उइके ने कोई बयान नहीं दिया है।
यह जांच लांजी के पूर्व विधायक और संयुक्त क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष किशोर समरीते द्वारा 12 अप्रैल को दर्ज की गई शिकायत से शुरू हुई है, जिन्होंने आरोप लगाया था कि मंत्रियों, अधिकारियों और ठेकेदारों ने भाजपा शासित राज्य में ग्रामीण परिवारों को नल का जल कनेक्शन प्रदान करने के लिए केंद्रीय धन का दुरुपयोग किया है।

 

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