UP News: लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बृहस्पतिवार को धनशोधन अधिनियम (मनी लांड्रिंग एक्ट) के तहत आरोपी सपा नेता विनय शंकर तिवारी की जमानत अर्जी को मंजूर कर लिया है। इस मामले में विनय शंकर तिवारी समेत अन्य अभियुक्तों पर बैंकों के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
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न्यायधीश सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने यह आदेश विनय शंकर तिवारी की जमानत अर्जी पर दिया। इसके पहले इसी नौ मई को सीबीआई की विशेष अदालत ने विनय शंकर की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली थी।
मामला बैंकों के कंसोर्टियम से करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोपों का है। मामले में गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड व इसके निदेशक अजीत पांडेय, विनय शंकर तिवारी तथा रीता तिवारी के विरुद्ध सीबीआई की चार्ज शीट पर भी समन जारी करने का आदेश हो चुका है। इस मामले में कंसोर्टियम के केनरा बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, ओरिएटंल बैंक आफ कामर्स, आईडीबीआई बैंक, एक्सिस बैंक व सेंट्र्रल बैंक आफ इंडिया से करीब 754 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है।
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सीबीआई पहले ही अभियुक्तों के खिलाफ साजिश व धोखाधड़ी में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। 8 अक्टूबर, 2020 को सीबीआई ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरु की थी। इसके पश्चात ईडी ने भी मनी लॉंड्रिंग का मामला पाते हुए, अभियुक्तों के विरुद्ध परिवाद दाखिल किया। मामले की शिकायत बैंक आफ इंडिया के तत्कालीन जोनल मैनेजर यादवेंद्र नारायण द्विवेदी द्वारा दर्ज कराई गई थी। मामले के सह अभियुक्त अजीत पांडेय को भी बृहस्पतिवार को जमानत मिल गई।