Then breathing crisis: दस दिन बाद फिर दमघोंटू हुई दिल्ली की हवा
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Then breathing crisis: दस दिन बाद फिर दमघोंटू हुई दिल्ली की हवा

Then breathing crisis:  नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की हवा दस दिनों बाद फिर से दमघोंटू हो गई है। रविवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार यानी बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया। अगले दो दिनों के बीच भी वायु गुणवत्ता का स्तर कमोबेश ऐसा ही रहने का अनुमान है। दिल्ली के लोगों के इस बार प्रदूषण का सीजन कुछ ज्यादा ही लंबा खिंचता दिख रहा है। राजधानी में आमतौर पर नवंबर से लेकर जनवरी तक के महीने में प्रदूषण का स्तर सामान्य से ज्यादा रहता है और हवा प्रदूषित रहती है। लेकिन, फरवरी की शुरूआत के साथ ही प्रदूषण में कमी आने लगती है।

Then breathing crisis:

इस बार लोगों को पूरी तरह प्रदूषण से राहत नहीं मिल पा रही है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से 31 जनवरी को दिल्ली व आसपास के इलाके में अच्छी बारिश हुई थी। इसके बाद लगभग सौ दिनों से खराब स्थिति में चल रही दिल्ली की हवा से प्रदूषण काफी हद तक साफ हो गया था और लोगों को राहत मिली थी। लेकिन, अब एक बार फिर से प्रदूषण का स्तर बढ़ता दिख रहा है।

चौबीस घंटे के भीतर इसमें 18 अंकों की बढ़ोतरी
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक रविवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 313 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है। एक दिन पहले शनिवार को यह सूचकांक 295 के अंक पर रहा था। यानी चौबीस घंटे के भीतर इसमें 18 अंकों की बढ़ोतरी हुई है।

प्रदूषक कणों का स्तर सामान्य से ढाई गुना ज्यादा
मानकों के मुताबिक, हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर ही उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है। लेकिन, सीपीसीबी के मुताबिक रविवार की शाम पांच बजे दिल्ली-एनसीआर की हवा में पीएम 10 का स्तर 244 और पीएम 2.5 का स्तर 139 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रहा। यानी हवा में प्रदूषक कणों का स्तर सामान्य से लगभग ढाई गुना ज्यादा है।

राहत के संकेत नहीं
वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, अगले दो दिनों के दौरान हवा की रफ्तार आमतौर पर दस किलोमीटर प्रति घंटे से कम रहेगी। इसके चलते प्रदूषक कणों का बिखराव धीमा होगा और दिल्ली के लोगों को बेहद खराब हवा में सांस लेनी पड़ेगी।

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