किसानों को ठंडा करने की तैयारी: 34 नामजद और 1100 अज्ञात किसानों पर FIR
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किसानों को ठंडा करने की तैयारी: 34 नामजद और 1100 अज्ञात किसानों पर FIR

ग्रेटर नोएडा। किसानों ने मंगलवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। पुलिस ने प्रदर्शन करने वाले 34 नामजद और 1100 अज्ञात पुरुष और महिला किसानों पर FIR हुई  है। यह मुकदमा सूरजपुर कोतवाली में प्राधिकरण के सर्वे अमीन की तरफ से करवाया गया है। पुलिस ने 34 नामजद किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
प्राधिकरण के सर्वे अमीन देवेंद्र प्रताप सिंह का आरोप है कि मंगलवार को किसानों ने प्राधिकरण कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा किया। किसान नेता डॉ रुपेश वर्मा द्वारा धमकी दी गई कि 13 जून उससे भी ज्यादा तादाद में इकट्ठे होकर प्राधिकरण कार्यालय को पूरी तरह बंद कर देंगे। सर्वे अमीन ने आरोप लगाया है कि किसानों के हंगामे के चलते अराजकता का माहौल उत्पन्न हो गया। प्राधिकरण कार्यालय में आने वाले लोगों को भी अंदर नहीं जाने दिया गया। प्राधिकरण के कर्मचारियों को भी अंदर बाहर नहीं आने जाने दिया गया। आशंका है कि किसान फिर से प्राधिकरण पर पहुंचकर कर्मचारियों और संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके चलते इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना नितांत आवश्यक है। पुलिस ने देर रात को 34 नामजद किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पुलिस द्वारा मामले में जांच की जा रही है।

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इन किसानों को नामजद किया गया
नरेंद्र भाटी गांव घनघोला, रूपेश वर्मा गांव सादोपुर, पप्पू और नेतराम गांव मायचा, धर्मपाल और भीम सिंह गांव खोदना, ज्ञानचंद, हरवीर और रणपाल गांव सादोपुर, महाराज सिंह गांव छोटी मिलक, सुदेश कुमार और रणवीर यादव गांव पतवाड़ी, देवेंद्र सिंह व सतवीर सिंह गांव इटेडा, बालेश्वर व पवन कुमार गांव सादोपुर, नितिन गांव जुनपत, मोहित गांव बिरोड़ी, वीरेंद्र गांव मायचा, यतेंद्र गांव थापखेड़ा, नीरज गांव जुनपत, निशांत रावल गांव घोड़ी बछेड़ा, सोहनपाल गांव इटेडा, सुदेश यादव गांव पतवाड़ी, राजे गांव इटेडा, प्रवेश गांव बादलपुर, निरंकार सिंह गांव सादोपुर, बाबू, टीकम और अरुण गांव मायचा, अंकित व मुकुल गांव इटेडा,अमित यादव गांव पतवाड़ी, बीरसिंह गांव बादलपुर है।

किसानों में फैला रोष
दूसरी तरफ साथी किसानों को जेल भेजे जाने के बाद से किसान और महिलाएं भारी संख्या में अथॉरिटी गेट पर जमे हुए हैं। किसानों का कहना है कि जब तक उनके साथियों को बगैर शर्त रिहा नहीं किया जाता है, तब तक धरना जारी रहेगा। धरने में काफी संख्या में महिलाएं शामिल हो रही हैं।

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