Bihar Assembly Election News: बिहार की राजनीति में आंधी का नाम नीतीश कुमार है, लेकिन अब हवाएं उल्टी पड़ने लगी हैं। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के साथ जो ‘खेल’ हुआ, वही ‘शिंदे फॉर्मूला’ अब बिहार में नीतीश कुमार पर आजमाया जा रहा है। एनडीए के सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) पर बीजेपी का कब्जा हो चुका है, और 2025 विधानसभा चुनावों के बाद नीतीश का मुख्यमंत्री का कुर्सी पर लौटना मुश्किल नजर आ रहा है। सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक यही चर्चा है कि बीजेपी ने ‘शिंदे प्लान’ को बिहार में अमल में ला दिया है।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व, खासकर अमित शाह, ने बिहार में JDU के विधायकों और नेताओं से सीधे संपर्क साधा है। महाराष्ट्र में शिवसेना (शिंदे गुट) को बीजेपी ने ‘समर्थन’ देकर अपना मुखौटा बना लिया, वैसे ही बिहार में JDU को ‘सहयोगी’ बनाकर बीजेपी अपना दबदबा कायम रखना चाहती है। एक वरिष्ठ JDU नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “नीतीश जी की उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए पार्टी में अंदरूनी कलह बढ़ गई है। बीजेपी ने कई विधायकों को लुभाया है, और चुनावों के बाद अगर एनडीए बहुमत लाती है, तो CM चेहरा बीजेपी का ही होगा। नीतीश जी को डिप्टी CM या सलाहकार की भूमिका दी जा सकती है, जैसे शिंदे को महाराष्ट्र में साइडलाइन किया गया।”
यह विवाद तब भड़का जब हाल ही में बीजेपी के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा, “जिस दिन बिहार में बीजेपी की सरकार बनेगी, वही अटल बिहारी वाजपेयी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”
इस बयान को JDU समर्थकों ने सीधे तौर पर नीतीश के खिलाफ साजिश करार दिया। सोशल मीडिया पर #NitishKumarShinde ट्रेंड कर रहा है, जहां यूजर्स लिख रहे हैं, “शिंदे को अनाथ बनाया, अब नीतीश का नंबर।” X (पूर्व ट्विटर) पर @WeRNewsLive ने पोस्ट किया, “अगर नीतीश कुमार हारे तो JDU का वजूद खत्म। अमित शाह ने ‘शिंदे प्लान’ तैयार कर लिया है।” इसी तरह @ABPNews ने RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का बयान शेयर किया, “बीजेपी नीतीश को अगला शिंदे बनाने की तैयारी में है।”
महाराष्ट्र का उदाहरण सबके जेहन में ताजा है। 2022 में एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे सरकार गिराई, लेकिन चुनाव जीतने के बाद भी देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री बने। शिंदे को उपमुख्यमंत्री बनाकर ‘सम्मान’ दिया गया, लेकिन असल पावर बीजेपी के पास चली गई। बिहार में भी यही फॉर्मूला दोहराया जा रहा है। 2020 के चुनावों में JDU को 43 सीटें मिलीं, जबकि बीजेपी को 74। फिर भी नीतीश CM बने, लेकिन अब 2025 में अनुमान है कि बीजेपी 136 सीटें जीत सकती है, JDU को महज 27। ऐसे में नीतीश का CM बनना नामुमकिन लग रहा है।
@newscapsule_ ने लिखा, “शिंदे के साथ हुए खेल के बाद नीतीश BJP से सतर्क, लेकिन बिहार की सत्ता के लिए बड़ा झटका दे सकते हैं।”
JDU के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय झा ने इस अटकलों पर सफाई दी। TV9 मराठी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार का एकनाथ शिंदे जैसा हाल नहीं होगा। एनडीए में सबकी इज्जत है, और 2025 फिर से नीतीश।” लेकिन विपक्षी RJD ने इसे ‘बीजेपी की चाल’ बताते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, “नीतीश जी को बचाओ, वरना बिहार महाराष्ट्र न बन जाए।” INDIA गठबंधन की रैलियों में अब यह मुद्दा प्रमुखता से उठ रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह ‘शिंदे मॉडल’ बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है, जहां छोटे सहयोगियों को ‘उपयोग’ कर लिया जाता है। अगर बिहार में भी यही होता है, तो JDU का वजूद खतरे में पड़ सकता है। प्रशांत किशोर जैसे स्ट्रैटेजिस्ट भी JDU वोट बैंक पर नजर रखे हुए हैं। फिलहाल, बिहार की सियासत में तनाव चरम पर है। क्या नीतीश कुमार फिर से ‘पलटी’ मारेंगे, या बीजेपी का ‘कब्जा’ पक्का हो जाएगा? आने वाले दिनों में यह साफ होगा।

