Pahalgam Attack: लश्कर के दो आतंकियों के घरों में धमाका, पाकिस्तान के खिलाफ सख्त फैसले

Pahalgam Attack:

Pahalgam Attack: लश्कर के दो आतंकियों के घरों में धमाका, पाकिस्तान के खिलाफ सख्त फैसले

Pahalgam Attack: श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन इलाके में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत हो गई, जबकि 14 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है।

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सेना का पलटवार: लश्कर से जुड़े दो आतंकियों के घर तबाह
हमले के तुरंत बाद सुरक्षाबल एक्शन मोड में आ गए हैं। शुक्रवार को सेना ने पहलगाम हमले में शामिल दो आतंकियों के घरों को नष्ट कर दिया। इन आतंकियों की पहचान आदिल हुसैन थोकर उर्फ आदिल गुरी और आसिफ शेख के रूप में हुई है।

आदिल गुरी, अनंतनाग जिले के बिजबेहरा ब्लॉक के गुरी गांव का निवासी है, जबकि आसिफ शेख, पुलवामा के त्राल से है। सेना ने तलाशी अभियान के दौरान इन आतंकियों के घरों में मौजूद आईईडी और विस्फोटकों को निष्क्रिय करने की कोशिश की, लेकिन उसी दौरान एक भीषण धमाका हो गया जिससे घर पूरी तरह तबाह हो गए।

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मोस्ट वांटेड आतंकी, 20 लाख का इनाम
अनंतनाग पुलिस ने इन आतंकियों को मोस्ट वांटेड घोषित किया है और इनके बारे में सूचना देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है। अधिकारियों के मुताबिक आदिल ने 2018 में वैध रूप से पाकिस्तान यात्रा की थी, जहां उसने आतंकी ट्रेनिंग ली और फिर कश्मीर लौटकर लश्कर में शामिल हो गया।

राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में 5 बड़े फैसले
हमले के बाद केंद्र सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 24 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच अहम फैसले लिए गए:

सिंधु जल समझौते पर रोक।
पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द।
अटारी-वाघा बॉर्डर चेकपोस्ट बंद।
नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग पर कार्रवाई।
इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास को बंद करने का फैसला।
अमरनाथ यात्रा से पहले बड़ी साजिश
गौरतलब है कि 3 जुलाई से शुरू होने वाली श्री अमरनाथ यात्रा से ठीक पहले यह हमला हुआ है, जिसे सुरक्षा एजेंसियां एक बड़ी साजिश मान रही हैं। हमला देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गहरी चुनौती बनकर उभरा है।

पुलवामा के बाद सबसे बड़ा हमला
विशेषज्ञों के अनुसार यह हमला फरवरी 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला है। पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 47 जवान शहीद हुए थे।

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