Noida Sikka Karmik Greens Society board bachelor: वैसे हो कहीं भी और किसी भी सोसाइटी में बूढ़े हों या जवान हो, सभी को रहने का अधिकार है। लेकिन नोएडा की इस सोसाइटी में बोर्ड लगा दिए गए कि कुंवारों को मकान नहीं दिए जाएंगे। सीधे सीधे संविधान में दिए गए अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। अनुच्छेद 21 कहता है जीने का अधिकार, वो भी डिग्निटी के साथ, लेकिन किसी की शादी नहीं हुई है तो इस सोसाइटी उसे रहने का हक नहीं है। प्रशासन की और से अब तक कोई ठोस कदम नही उठाए गए है।
बता दें कि सिक्का कार्मिक ग्रीन्स सोसाइटी वालों का फरमान
सेक्टर-78 की सिक्का कार्मिक ग्रीन्स सोसाइटी के गेट पर बिल्डर की ओर से लगाए गए बोर्ड पर। नोएडा में दूसरे शहरों से लोग आते हैं और यहां पर रहने की जगह तलाशते हैं।
बैचलर किरायेदारों की संख्या ज्यादा
दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद में काम करने वाले भी नोएडा में ही रहते हैं और रोजाना आते-जाते हैं। ऐसे में शहर की हाइराइज सोसाइटियों में बैचलर किरायेदारों की संख्या ज्यादा है। हालांकि सेक्टरों में भी ऐसे किरायेदार रहते हैं।
करीब 25 प्रतिशत रहते हैं किरायेदार
सोसाइटी में 2016 से लोग रहे हैं। इसमें 692 फ्लैट हैं। अधिकतर फ्लैटों में लोग रह रहे हैं। इसमें 25 फीसदी के आसपास किरायेदार रहते हैं। सोसाइटी निवासियों ने बताया कि दो महीने से यह बोर्ड लगा है। यहां मौजूद गार्ड ने बताया कि यह बोर्ड इसलिए लगाया गया है कि सोसाइटी में बैचलर किरायेदार नहीं रखे जाएंगे, लेकिन जो किरायेदार पहले से रह रहे हैं, उनका कुछ नहीं किया जा सकता है। सोसाइटी का संचालन बिल्डर ही देख रहा है।
सिक्का ग्रुप को वर्जन
सिक्का ग्रुप की और से कहा गया है कि सोसाइटी के बाहर यह बोर्ड इसलिए लगाया गया है, पिछले कुछ समय से सोसाइटी में बैचलर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए गए थे। भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सके इसलिए यह बोर्ड लगाया गया है। नोएडा प्राधिकरण के नोटिस बोर्ड पर काली स्याही शरारती तत्वों ने पोती है। इसका सिक्का ग्रुप से कोई लेना-देना नहीं है।
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