Noida News: नोएडा। एनजीटी के दिशा-निर्देशों के तहत गौतमबुद्धनगर जिले में 1 नवंबर 2025 से दो लाख से अधिक पुराने वाहनों को पेट्रोल और डीजल नहीं मिलेगा। परिवहन विभाग ने इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन निलंबित कर दिया है। इनमें से करीब 40 हजार गाड़ियों का पंजीकरण पूरी तरह निरस्त हो चुका है। अब ये वाहन जिले की सड़कों पर नहीं चल सकेंगे।
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अवैध परिचालन पर सख्ती, जब्त होंगे वाहन
एआरटीओ प्रशासन डॉ. सियाराम वर्मा के अनुसार, जिले में कुल 2,08,856 वाहन तय समय सीमा (डीजल के लिए 10 साल और पेट्रोल के लिए 15 साल) पूरी कर चुके हैं। यदि ये वाहन 1 नवंबर के बाद सड़कों पर या पेट्रोल पंपों पर दिखाई दिए, तो इन्हें जब्त कर लिया जाएगा।
एनसीआर में लागू होंगे सख्त नियम, दिल्ली में 1 जुलाई से शुरुआत
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने स्पष्ट किया है कि दिल्ली में 1 जुलाई 2025 से यह नियम प्रभावी होगा। इसके बाद गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत में 1 नवंबर से यह व्यवस्था लागू होगी। इन शहरों में ANPR कैमरे (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर) लगाए जा रहे हैं, जो पुराने वाहनों की पहचान कर उन्हें रोकने का कार्य करेंगे।
एनओसी लेकर वाहन चल सकते हैं दूसरे जिलों में
परिवहन विभाग के अनुसार, पुराने वाहन मालिक चाहें तो अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) लेकर यूपी के 33 अन्य जिलों में अपने वाहन को रजिस्टर करवा सकते हैं। इन जिलों में इटावा, बलिया, कुशीनगर, जौनपुर, मैनपुरी, प्रतापगढ़ जैसे इलाके शामिल हैं, जहां एनजीटी के प्रतिबंध लागू नहीं हैं। एनओसी के लिए www.parivahan.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है और सभी दस्तावेजों की जांच के बाद 7 दिन में एनओसी जारी कर दी जाती है। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लगता।
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ट्रैफिक पुलिस बनाएगी विशेष टीमें
डीसीपी ट्रैफिक लखन यादव ने जानकारी दी कि पुराने वाहनों की धरपकड़ के लिए विशेष ट्रैफिक टीमें बनाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि ट्रैफिक पुलिस पहले से ही इस पर कार्य कर रही है। वर्ष 2024 में 10 साल पुराने डीजल के 93 और 15 साल पुराने पेट्रोल के 272 वाहन जब्त किए गए थे, जबकि 2025 में अब तक 27 डीजल और 76 पेट्रोल वाहन जब्त किए जा चुके हैं।
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एनसीआर में 44 लाख से ज्यादा वाहन तय समय सीमा से बाहर
सीएक्यूएम की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे एनसीआर में करीब 44 लाख वाहन ऐसे हैं जो तय उम्र सीमा पार कर चुके हैं, जिनमें दिल्ली में ही 62 लाख में से 41 लाख दोपहिया वाहन हैं। इन पुराने वाहनों को हटाकर वायु गुणवत्ता सुधारने की दिशा में यह एक एतिहासिक और निर्णायक कदम माना जा रहा है।
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