Delhi News: नई दिल्ली: केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को शहरी परिवहन और नियोजन के क्षेत्र में बदलाव की नई रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए देशभर के प्रशासनिक अधिकारियों से नवाचार, समावेश और नागरिक-केन्द्रित सोच को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। मौका था 17वें सिविल सेवा दिवस का, जहां वह आवास एवं शहरी मामलों से संबंधित एक विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे।
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अपने विचार रखते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि देश के शहरों को सिर्फ संरचनात्मक रूप से नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी बेहतर और सक्षम बनाना समय की मांग है। उन्होंने ‘आवागमन सुविधा-उन्मुख नगर विकास’ (Transit Oriented Development – TOD) की रणनीति को आगे बढ़ाने की बात कही और कहा कि शहरों की योजना इस तरह से होनी चाहिए कि मेट्रो या बस से उतरने के बाद नागरिक को अंतिम छोर तक यात्रा के लिए परेशानी न हो। इसके लिए सहज, सुलभ और डिजिटल भुगतान आधारित परिवहन विकल्पों को एकीकृत किया जाना चाहिए।
“वॉक-टू-वर्क” मॉडल को मिली नई धार
मंत्री ने ‘वॉक-टू-वर्क’ संस्कृति को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे कार्यस्थलों और आवासीय क्षेत्रों के बीच दूरी घटे, ट्रैफिक का दबाव कम हो और प्रदूषण में भी कमी आए। उन्होंने कहा कि यह सिद्धांत सरकारी आवास विकास की योजनाओं में विशेष रूप से शामिल किया जाना चाहिए।
युवाओं को परिवर्तन का वाहक बनने का संदेश
श्री मनोहर लाल ने युवा अधिकारियों से आह्वान किया कि वे समाधान आधारित नेतृत्व की ओर बढ़ें और तकनीक व नवाचार के ज़रिए शहरी समस्याओं का स्थायी हल तलाशें। उन्होंने कहा कि भारतीय शहरों को विकास के इंजन और स्थिरता के प्रतीक के रूप में विकसित करना हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
पीएम स्वनिधि योजना को मिला राष्ट्रीय सम्मान
इस अवसर पर आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव श्रीनिवास कटिकिथला को ‘पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (PM SVANidhi)’ योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए लोक प्रशासन में उत्कृष्टता हेतु प्रधानमंत्री पुरस्कार प्रदान किया गया। यह योजना शहरी गरीबों, विशेषकर रेहड़ी-पटरी वालों के लिए आजीविका का मजबूत साधन बनी है।