डेनिश पार्लियामेंट्री कमेटी फॉर यूरोपियन अफेयर्स ने लोकसभा अध्यक्ष बिरला से की मुलाकात
1 min read

डेनिश पार्लियामेंट्री कमेटी फॉर यूरोपियन अफेयर्स ने लोकसभा अध्यक्ष बिरला से की मुलाकात

नई दिल्ली । डेनिश पार्लियामेंट्री कमेटी फॉर यूरोपियन अफेयर्स समिति के अध्यक्ष नील्स फ्लेमिंग हैनसेन के नेतृत्व में समिति के सदस्यों ने मंगलवार को संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। इस दौरान बिरला ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र है और डेनमार्क की तरह भारत भी एक जीवंत और परिपक्व लोकतन्त्र है। बिरला ने भारत और डेनमार्क के बीच नियमित संसदीय आदान प्रदान पर जोर देते हुए कहा कि भारत और डेनमार्क के बीच चर्चा-संवाद की एक नियमित प्रक्रिया विकसित हो ताकि हम एक दूसरे के लोकतंत्र से सीख सकें और अपनी बेस्ट प्रैक्टिसेज को साझा कर सकें।

यह भी पढ़े : Delhi:एसएससी एमटीएस परीक्षा अब 13 क्षेत्रीय भाषाओं में होगी

इस सन्दर्भ में बिरला ने वर्ष 2021 में डेनमार्क के प्रधानमंत्री के भारत दौरे और पिछले वर्ष भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डेनमार्क दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की उच्च स्तरीय दौरों से दोनों देशों के बीच संबंध और सुदृढ़ हुए हैं और संबंधों को नई ऊर्जा मिली है।
सितंबर वर्ष 2020 में भारत और डेनमार्क के बीच शुरू हुई हरित रणनीतिक साझेदारी का जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि इस साझेदारी ने दोनों देशों के बीच समन्वय को बेहतर बनाया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में इस साझेदारी से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि आज जब भारत विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा संबंधी मुद्दों, व्यापारिक एवं आर्थिक सम्बन्धों, शोध एवं नवाचार और दोनों देशों के लोगों के बीच सुदृढ़ संपर्क जैसे परस्पर हित के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच साझेदारी और सहयोग की पर्याप्त संभावनाएं हैं।

यह भी पढ़े : Delhi की इन अनधिकृत कालोनियो में बिछ रही सीवर लाइन

बिरला ने डेनिश डेलीगेशन को सूचित किया कि भारत जी 20 समिट के अंतर्गत निकट भविष्य में पी 20 सम्मेलन का आयोजन भी करेगा। जिसमें जी-20 राष्ट्रों के अतिरिक्त आमंत्रित राष्ट्रों के पीठासीन अधिकारी भाग लेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन के दौरान संसदीय शासन व्यवस्था और लोकतांत्रिक मूल्यों की प्रासंगिकता पर उद्देश्यपरक संवाद होगा। जिससे सम्पूर्ण विश्व का कल्याण होगा।

यहां से शेयर करें