मार्च दोपहर करीब 2 बजे मैदान क्षेत्र में बी.आर. अंबेडकर की प्रतिमा के पास से शुरू हुआ और उत्तर कोलकाता के जोरासंको ठाकुरबाड़ी (रवींद्रनाथ टैगोर का पैतृक निवास) पर समाप्त हुआ। TMC कार्यकर्ताओं ने ‘माय वोट, माय राइट’ और ‘नो टू SIR’ के नारे लगाते हुए सड़कों पर उतरकर चुनाव आयोग पर राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया। ममता बनर्जी ने मार्च के दौरान कहा, “यह अभियान बंगाल के हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा के लिए है। SIR के नाम पर लोगों को डराया जा रहा है, जो स्वीकार्य नहीं।” अभिषेक बनर्जी ने भी जोर देकर कहा कि यह प्रक्रिया ‘लोगों को आतंकित करने’ का प्रयास है और TMC हर बूथ पर निगरानी रखेगी।
SIR क्या है और क्यों विवादास्पद?
निर्वाचन आयोग ने 4 नवंबर से 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR शुरू किया है, जिसमें 80,681 बूथ लेवल अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर वोटरों के नाम सत्यापित करेंगे। ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 9 दिसंबर को जारी होगी, आपत्तियां 8 जनवरी तक ली जाएंगी और अंतिम सूची 7 फरवरी को आएगी। यह प्रक्रिया 2026 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले हो रही है।
TMC का आरोप है कि यह NRC (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस) का छिपा रूप है, जो अवैध घुसपैठियों को हटाने के बहाने TMC समर्थकों को निशाना बनाएगा। अभिषेक बनर्जी ने कहा, “SIR की घोषणा के बाद से ही 6 लोगों ने चिंता और डर के कारण आत्महत्या की है। मुख्य चुनाव आयुक्त के हाथों पर खून लगा है।” पार्टी ने BLOs पर ‘मैन-मार्किंग’ करने और हर बूथ पर एजेंट तैनात करने का निर्देश दिया है।
BJP का जवाब: ‘TMC का ड्रामा, अवैध वोटरों को हटाना जरूरी’
भाजपा ने TMC के विरोध को ‘भटकाव का प्रयास’ बताया। राज्य भाजपा अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने कहा, “SIR से अवैध वोटरों, मृतकों के नाम हटाने चाहिए। TMC नहीं चाहती कि ऐसी सफाई हो।” भाजपा सांसद पार्थ भौमिक ने चेतावनी दी कि अगर एक भी वैध वोटर का नाम हटाया गया, तो स्थानीय नेता घर से बाहर नहीं निकल पाएंगे। भाजपा ने चुनाव आयोग को TMC द्वारा ‘जाली दस्तावेज’ जमा करने की शिकायत भी की।
ट्रैफिक जाम और सुरक्षा चिंताएं
मार्च के कारण कोलकाता के रेड रोड, बी.बी. गंगुली स्ट्रीट, एस्प्लेनेड, सी.आर. एवेन्यू और जे.एल. नेहरू रोड पर भारी ट्रैफिक जाम रहा। BLO ट्रेनिंग सत्रों में भी हंगामा हुआ, जहां BLOs ने अतिरिक्त काम के घंटों और सुरक्षा की मांग की। TMC नेता कुणाल घोष ने कहा, “सरकार को पता नहीं था कि शिक्षकों को BLO बनाया जा रहा है। यह उनके नियमित समय से बाहर काम करा रहा है।”
विरोध की लहर: अन्य दल भी साथ?
तमिलनाडु के सीएम एम.के. स्टालिन ने SIR का विरोध किया है, जबकि अभिषेक बनर्जी ने इसे साझा लड़ाई बताया। TMC सांसद ममता बाला ठाकुर 5 नवंबर से अनशन शुरू करेंगी, ताकि मटुआ समुदाय के वोटरों के नाम न हटें।
यह मार्च 2026 चुनावों से पहले राजनीतिक तनाव को और बढ़ा सकता है। TMC का दावा है कि बंगाल की जनता उनके साथ खड़ी है, जबकि भाजपा इसे ‘लोकतंत्र की सफाई’ बता रही है। घटनाक्रम पर नजर बनी हुई है।

