Bihar News: बिहार सरकार ने ज़मीन के दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) की प्रक्रिया को सुगम बनाने और इसमें लगने वाले समय को कम करने के लिए कई नए नियम लागू किए गए हैं। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने से बचाना और भ्रष्टाचार पर कस कर लगाम लग सके।
बिहार सरकार द्वारा प्रमुख बदलाव:
स्व-प्रेरित (Suo-Motu) दाखिल-खारिज:
* अब ज़मीन की रजिस्ट्री के बाद दाखिल-खारिज के लिए अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी।
* राजस्व और भूमि सुधार मंत्रालय ने ‘सुओ-मोटो दाखिल-खारिज’ नाम से यह नया नियम लागू किया है।
* इस नियम के तहत, जब आप ज़मीन की रजिस्ट्री कराएंगे, उसी समय दाखिल-खारिज के लिए भी आवेदन अपने आप अंचल कार्यालय को चला जाएगा। इससे प्रक्रिया स्वतः शुरू हो जाएगी।
त्रुटि सुधार के लिए समय-सीमा:
* ज़मीन की रजिस्ट्री या दाखिल-खारिज के बाद यदि आवेदन में कोई त्रुटि पाई जाती है, तो उसे सुधारने के लिए आवेदक को केवल 30 दिन का समय मिलेगा।
* यदि निर्धारित समय-सीमा के भीतर त्रुटि में सुधार नहीं किया जाता है, तो आवेदन स्वतः रद्द हो जाएगा और आपको पूरी प्रक्रिया दोबारा शुरू करनी पड़ेगी। यह नियम लंबित मामलों को कम करने और प्रक्रिया में तेज़ी लाने के उद्देश्य से लागू किया गया है।
अंचलाधिकारी (CO) की मनमानी पर रोक:
* दाखिल-खारिज के आवेदन को अस्वीकृत करने से पहले अंचलाधिकारी (CO) या राजस्व अधिकारी को आवेदक का पक्ष सुनना होगा।
* बिना मामले की सुनवाई किए या ठोस कारण बताए कोई भी अंचलाधिकारी आवेदन को अस्वीकृत नहीं कर पाएगा।
* संबंधित पक्षों को सुनवाई और साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाएगा। यदि इसके बाद भी दस्तावेज़ अधूरे या गलत पाए जाते हैं, तभी अंचलाधिकारी सभी संबंधित आधारों का उल्लेख करते हुए आवेदन को अस्वीकृत कर सकते हैं।
लिपिकीय के भूलों में सुधार का अधिकार:
* दाखिल-खारिज संबंधी आदेश पारित करते समय हुई लिपिकीय या गणितीय भूलों को अब अंचल अधिकारी अपने स्तर पर या किसी पक्षकार के आवेदन पर सुधार सकेंगे।
* पहले ऐसी गलतियों को सुधारने के लिए भूमि सुधार उप समाहर्ता (DCLR) के समक्ष अपील दायर करनी पड़ती थी, जिससे लोगों को परेशानी होती थी। नई व्यवस्था में गलतियों का सुधार अंचल अधिकारी के कार्यालय से ही हो जाएगा।
* फ्लैट/अपार्टमेंट की ज़मीन का दाखिल-खारिज:
* फ्लैट मालिकों के लिए अपार्टमेंट की ज़मीन का दाखिल-खारिज फिलहाल रोक दिया गया है।
* राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने कानूनी प्रावधानों और सॉफ्टवेयर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी का हवाला देते हुए यह निर्देश जारी किया है।
बिहार सरकार द्वारा प्रमुख बदलाव:
स्व-प्रेरित (Suo-Motu) दाखिल-खारिज:
* अब ज़मीन की रजिस्ट्री के बाद दाखिल-खारिज के लिए अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी।
* राजस्व और भूमि सुधार मंत्रालय ने ‘सुओ-मोटो दाखिल-खारिज’ नाम से यह नया नियम लागू किया है।
* इस नियम के तहत, जब आप ज़मीन की रजिस्ट्री कराएंगे, उसी समय दाखिल-खारिज के लिए भी आवेदन अपने आप अंचल कार्यालय को चला जाएगा। इससे प्रक्रिया स्वतः शुरू हो जाएगी।
त्रुटि सुधार के लिए समय-सीमा:
* ज़मीन की रजिस्ट्री या दाखिल-खारिज के बाद यदि आवेदन में कोई त्रुटि पाई जाती है, तो उसे सुधारने के लिए आवेदक को केवल 30 दिन का समय मिलेगा।
* यदि निर्धारित समय-सीमा के भीतर त्रुटि में सुधार नहीं किया जाता है, तो आवेदन स्वतः रद्द हो जाएगा और आपको पूरी प्रक्रिया दोबारा शुरू करनी पड़ेगी। यह नियम लंबित मामलों को कम करने और प्रक्रिया में तेज़ी लाने के उद्देश्य से लागू किया गया है।
अंचलाधिकारी (CO) की मनमानी पर रोक:
* दाखिल-खारिज के आवेदन को अस्वीकृत करने से पहले अंचलाधिकारी (CO) या राजस्व अधिकारी को आवेदक का पक्ष सुनना होगा।
* बिना मामले की सुनवाई किए या ठोस कारण बताए कोई भी अंचलाधिकारी आवेदन को अस्वीकृत नहीं कर पाएगा।
* संबंधित पक्षों को सुनवाई और साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाएगा। यदि इसके बाद भी दस्तावेज़ अधूरे या गलत पाए जाते हैं, तभी अंचलाधिकारी सभी संबंधित आधारों का उल्लेख करते हुए आवेदन को अस्वीकृत कर सकते हैं।
लिपिकीय के भूलों में सुधार का अधिकार:
* दाखिल-खारिज संबंधी आदेश पारित करते समय हुई लिपिकीय या गणितीय भूलों को अब अंचल अधिकारी अपने स्तर पर या किसी पक्षकार के आवेदन पर सुधार सकेंगे।
* पहले ऐसी गलतियों को सुधारने के लिए भूमि सुधार उप समाहर्ता (DCLR) के समक्ष अपील दायर करनी पड़ती थी, जिससे लोगों को परेशानी होती थी। नई व्यवस्था में गलतियों का सुधार अंचल अधिकारी के कार्यालय से ही हो जाएगा।
* फ्लैट/अपार्टमेंट की ज़मीन का दाखिल-खारिज:
* फ्लैट मालिकों के लिए अपार्टमेंट की ज़मीन का दाखिल-खारिज फिलहाल रोक दिया गया है।
* राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने कानूनी प्रावधानों और सॉफ्टवेयर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी का हवाला देते हुए यह निर्देश जारी किया है।