हाल के वर्षों में, नोएडा की कई आवासीय सोसाइटियों में निवासियों को दो गंभीर और लगातार समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है: इमारतों से प्लास्टर का गिरना और लिफ्ट में बार-बार खराबी आना। ये घटनाएँ न केवल निवासियों की संपत्ति को नुकसान पहुँचा रही हैं, बल्कि उनकी सुरक्षा और मानसिक शांति के लिए भी एक गंभीर खतरा बन गई हैं। इन समस्याओं के कारण कई बार दुर्घटनाएँ हुई हैं, जिससे निवासियों में भय और चिंता का माहौल है।
यह रिपोर्ट इन गंभीर समस्याओं के मूल कारणों का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करती है। यह प्लास्टर गिरने और लिफ्ट खराब होने से संबंधित मौजूदा कानूनी और नियामक ढाँचे, जैसे कि RERA, उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट अधिनियम, और उत्तर प्रदेश लिफ्ट एवं एस्केलेटर अधिनियम, को स्पष्ट करती है। यह बिल्डरों, अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (AOA)/रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) और विभिन्न सरकारी प्राधिकरणों की विशिष्ट जिम्मेदारियों का निर्धारण करती है। अंततः, इसका उद्देश्य प्रभावित निवासियों को उनके अधिकारों, उपलब्ध कानूनी उपायों और इन समस्याओं को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए आवश्यक निवारक उपायों के बारे में सशक्त बनाने के लिए स्पष्ट, विश्वसनीय और कार्रवाई योग्य मार्गदर्शन प्रदान करना है।चेरी काउंटी हाउसिंग सोसाइटी में भी आज कल ख़राब लिफ्ट और दीवारों से प्लास्टर गिरने की घटनाओं में ख़फ़ी बढ़ोतरी हुई है , लेकिन अभी तक किसी के घायल होने की खबर नहीं मिली है
अरिहंत आर्डेन सोसायटी में 19वीं मंजिल से प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा नीचे खड़ी गाड़ियों पर गिर गया । इरोज सम्पूर्णम सोसायटी में एक बीएमडब्ल्यू के ऊपर प्लास्टर गिरा । सुपरटेक ईको विलेज 2 सोसायटी में प्लास्टर का बड़ा हिस्सा गिरने से वाहन क्षतिग्रस्त हुआ । पंचशील ग्रीन्स वन सोसायटी में सीमेंट का मलबा गिरने से गाड़ी का शीशा टूटा । अजनारा होम्स सोसायटी में तेज आंधी के कारण प्लास्टर गिरने से गाड़ी क्षतिग्रस्त हुई, और निवासियों ने बिल्डर प्रबंधन द्वारा रखरखाव में कमी का आरोप लगाया ।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की निराला स्टेट सोसायटी में पहली बारिश में ही घटिया क्वालिटी के निर्माण की पोल खुल गई, जब टावर 15 के बाहरी हिस्से और टावर 7 की बालकनी से प्लास्टर गिरा । इसी तरह, ग्रेटर नोएडा वेस्ट की लॉ रेजिडेंसिया सोसाइटी में एक फ्लैट की छत का प्लास्टर धड़ाम से नीचे गिरा, जिससे नीचे रखी मेज क्षतिग्रस्त हो गई। गनीमत रही कि घटना के वक्त कमरे में कोई नहीं था, जिससे बड़ा हादसा टल गया । इस सोसायटी के निवासियों ने भी निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल का आरोप लगाया ।
तालिका 1: नोएडा में प्लास्टर गिरने की प्रमुख घटनाएँ और उनके प्रभाव
| सोसाइटी का नाम | घटना का विवरण | घटना की तारीख (अनुमानित) | निवासियों द्वारा लगाया गया आरोप/प्रभाव |
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| अरिहंत आर्डेन सोसायटी | 19वीं मंजिल से प्लास्टर का बड़ा हिस्सा नीचे खड़ी गाड़ियों पर गिरा | अज्ञात | वाहन क्षतिग्रस्त |
| इरोज सम्पूर्णम सोसायटी | बीएमडब्ल्यू के ऊपर प्लास्टर गिरा | 5 मार्च (वर्ष अज्ञात) | वाहन क्षतिग्रस्त |
| सुपरटेक ईको विलेज 2 सोसायटी | प्लास्टर का बड़ा हिस्सा गिरने से वाहन क्षतिग्रस्त हुआ | 8 मई (वर्ष अज्ञात) | वाहन क्षतिग्रस्त |
| पंचशील ग्रीन्स वन सोसायटी | सीमेंट का मलबा गिरने से गाड़ी का शीशा टूटा | 10 सितंबर 2023 | वाहन क्षतिग्रस्त |
| अजनारा होम्स सोसायटी | तेज आंधी के कारण प्लास्टर गिरने से गाड़ी क्षतिग्रस्त हुई | 17 मई 2025 | बिल्डर प्रबंधन द्वारा रखरखाव में कमी, बाहर टहलना असुरक्षित |
| निराला स्टेट सोसायटी (ग्रेटर नोएडा वेस्ट) | टावर 15 के बाहरी हिस्से और टावर 7 की बालकनी से प्लास्टर गिरा | 18 जून 2025 | घटिया निर्माण सामग्री, पानी रिसाव की समस्या |
| लॉ रेजिडेंसिया सोसाइटी (ग्रेटर नोएडा वेस्ट) | फ्लैट की छत का प्लास्टर धड़ाम से नीचे गिरा, मेज क्षतिग्रस्त हुई | 2 फरवरी 2024 | घटिया सामग्री का इस्तेमाल, बड़ा हादसा टला |
खराब लिफ्ट की समस्या: कारण और प्रभाव
नोएडा की हाउसिंग सोसाइटियों में लिफ्ट खराब होने की घटनाएँ न केवल असुविधाजनक हैं, बल्कि गंभीर सुरक्षा जोखिम भी पैदा करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई बार चोटें और मानसिक आघात भी होता है।
नोएडा की सोसाइटियों में लिफ्ट खराब होने की प्रमुख घटनाएँ
नोएडा की सोसाइटियों में लिफ्ट खराब होने की कई घटनाएँ सामने आई हैं, जिनमें लोग फंसे और घायल हुए हैं:
* आस्था ग्रीन सोसाइटी (ग्रेटर नोएडा वेस्ट): लिफ्ट आधे घंटे तक फंसी रही। पीड़ितों ने सोसाइटी में लिफ्ट ऑपरेटर न होने और रखरखाव शुल्क अधिक वसूलने के बावजूद नियमित देखभाल न होने का आरोप लगाया ।
* पारस टिएरा सोसायटी (नोएडा): लिफ्ट का ब्रेक फेल हो गया, जिससे लिफ्ट चौथी मंजिल से सीधे 25वीं मंजिल पर तेजी से पहुंची और टॉप फ्लोर की छत तोड़ दी। इस हादसे में तीन लोग घायल हो गए । पुलिस ने इसे तकनीकी खराबी बताया ।
* रिवर साइट टावर (नोएडा): 8वें फ्लोर से लिफ्ट गिरी, जिससे 5 लोग घायल हो गए ।
* सीनियर सिटीजन सोसायटी (ग्रेटर नोएडा): एक ही परिवार के छह सदस्य लगभग 45 मिनट तक लिफ्ट में फंसे रहे। लिफ्ट ओवरलोड होकर रुक गई थी। निवासियों को मदद के लिए डायल-112 पर कॉल करना पड़ा, क्योंकि सोसाइटी से कोई मदद नहीं मिली ।
* पंचशील हाईनीस सोसाइटी (ग्रेटर नोएडा वेस्ट): मां-बेटी 1 घंटे तक लिफ्ट में फंसी रहीं। मेंटेनेंस डिपार्टमेंट लिफ्ट खोलने में असमर्थ रहा और अंततः एक इंजीनियर को बुलाना पड़ा ।
* एक अन्य ग्रेटर नोएडा वेस्ट सोसाइटी: 20वीं मंजिल पर लिफ्ट फंस गई, जिसमें एक बच्चे सहित चार लोग 15 मिनट तक फंसे रहे। गार्ड ने कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें बाहर निकाला ।
| आस्था ग्रीन सोसाइटी (ग्रेटर नोएडा वेस्ट) | लिफ्ट आधे घंटे फंसी रही | लिफ्ट ऑपरेटर की अनुपस्थिति, नियमित देखभाल में कमी |
| पारस टिएरा सोसायटी (नोएडा) | लिफ्ट का ब्रेक फेल, चौथी मंजिल से सीधे 25वीं मंजिल पर पहुंची, छत तोड़ी | तकनीकी खराबी, 3 लोग घायल |
| रिवर साइट टावर (नोएडा) | 8वें फ्लोर से लिफ्ट गिरी | 5 लोग घायल |
| सीनियर सिटीजन सोसायटी (ग्रेटर नोएडा) | परिवार के 6 सदस्य 45 मिनट तक लिफ्ट में फंसे | ओवरलोडिंग, सोसाइटी से मदद न मिलने पर डायल-112 पर कॉल |
| पंचशील हाईनीस सोसाइटी (ग्रेटर नोएडा वेस्ट) | मां-बेटी 1 घंटे तक लिफ्ट में फंसी रहीं | मेंटेनेंस विभाग लिफ्ट खोलने में असमर्थ, इंजीनियर को बुलाना पड़ा |
| एक अन्य ग्रेटर नोएडा वेस्ट सोसाइटी | 20वीं मंजिल पर लिफ्ट फंसी | 4 लोग (बच्चे सहित) 15 मिनट तक फंसे, गार्ड ने निकाला |
5. कानूनी और नियामक ढाँचा: जिम्मेदारियाँ और अधिकार
नोएडा में आवास संबंधी समस्याओं को नियंत्रित करने और निवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई कानूनी और नियामक निकाय मौजूद हैं। इन ढाँचों को समझना हितधारकों की जिम्मेदारियों और उपलब्ध निवारण तंत्रों को स्पष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण है।
उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (UP RERA)
RERA अधिनियम 1 मई 2016 से प्रभावी हुआ, जिसका प्राथमिक उद्देश्य रियल एस्टेट क्षेत्र को विनियमित करना, लेनदेन में पारदर्शिता लाना और घर खरीदारों के हितों की रक्षा करना है । UP RERA शिकायतों और परियोजना की मंजूरी की देखरेख करता है ।
RERA डेवलपर्स को अपने खर्च पर कब्जे के 5 साल के भीतर आवास परियोजना में संरचनात्मक दोषों को ठीक करने के लिए बाध्य करता है । इसमें किसी इंजीनियरिंग भवन संरचना के प्रबलित सीमेंट कंक्रीट (RCC) या संरचनात्मक हल्के स्टील (MS) तत्व में दोष, और RCC या MS कार्य की विफलताओं के परिणामस्वरूप चिनाई कार्य में प्रमुख दरारें शामिल हैं, लेकिन हेयरलाइन दरारें शामिल नहीं हैं । बिल्डर की लापरवाही, घटिया सामग्री के उपयोग, या नियामक आचार संहिता का पालन न करने के कारण हुई कोई भी खराबी वारंटी में शामिल है ।
यदि बिल्डर दोषों को रिपोर्ट किए जाने के 30 दिनों के भीतर ठीक करने में विफल रहता है, तो पीड़ित आवंटी उचित मुआवजे का दावा करने के हकदार होंगे । RERA के तहत पंजीकरण न कराने पर बिल्डर को परियोजना की अनुमानित लागत का 10% जुर्माना देना होगा । यदि बिल्डर परियोजना के बारे में कोई गलत जानकारी देता है, तो उनसे परियोजना की अनुमानित लागत का 5% वसूला जाएगा । RERA अधिनियम के तहत किसी कानून का उल्लंघन करने पर 3 वर्ष तक का कारावास या परियोजना की अनुमानित लागत का 10% जुर्माना हो सकता है । RERA में यह प्रावधान है कि डेवलपर तब तक बिल्डिंग की जरूरी सुविधाओं की देखभाल करेगा जब तक उसके लिए RWA तैयार न हो जाए । एक बार RWA बन जाने के बाद, बिल्डर सारी जिम्मेदारी वहां रहने वाले लोगों को सौंप देगा ।
उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट (निर्माण, स्वामित्व और अनुरक्षण का संवर्धन) अधिनियम, 2010
यह अधिनियम उत्तर प्रदेश में अपार्टमेंट के व्यक्तिगत स्वामित्व और ऐसे अपार्टमेंट से जुड़ी साझा सुविधाओं के रखरखाव को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था । यह शॉपिंग मॉल और मल्टीप्लेक्स को छोड़कर, चार या उससे अधिक अपार्टमेंट वाले सभी भवनों पर लागू होता है ।
अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (AOA) एक स्वैच्छिक संगठन है जिसे अपार्टमेंट के मालिक बनाते हैं। यह सुविधाओं के रखरखाव, नियमों को लागू करने और निवासियों के कल्याण के लिए सेवाएँ प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है । AOA आम क्षेत्रों के रखरखाव, मरम्मत और प्रतिस्थापन के लिए जिम्मेदार है । इसे सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत पंजीकृत किया जा सकता है । प्रत्येक स्वामी फ्लैट श्रृंखला से संबंधित व्ययों को पूरा करने के लिए संघ द्वारा अधिरोपित मासिक निर्धारण का भुगतान करने के लिए वचनबद्ध है । संघ द्वारा एक बैंक खाता खोला जाएगा और संघ की ओर से प्राप्त धन उसमें जमा किया जाएगा । प्रमोटर साझा क्षेत्रों और सुविधाओं को तब तक अनुरक्षित करेगा जब तक संघ नहीं बन जाता । बिल्डर को अपार्टमेंट मालिकों का संघ बनाने में मदद करनी चाहिए । लेआउट को संशोधित करने या अन्य परिवर्तन करने से पहले बिल्डर को संघ के सभी सदस्यों की सहमति लेनी होगी । फ्लैट ओनर एक्ट के अनुसार, AOA का पंजीकरण चुनाव के तीन महीने के भीतर किया जाना चाहिए ।
उत्तर प्रदेश लिफ्ट एवं एस्केलेटर अधिनियम, 2024
यह अधिनियम उत्तर प्रदेश राज्य में लिफ्टों और एस्केलेटरों की स्थापना, रखरखाव और सुरक्षित संचालन को विनियमित करके सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार के लिए तैयार किया गया है । यह फरवरी 2024 में पारित किया गया था ।
अधिनियम लागू होने के छह महीने के भीतर सभी लिफ्टों और एस्केलेटरों का पंजीकरण विद्युत सुरक्षा निदेशालय के पास होना आवश्यक है, और इसे हर 5 साल में नवीनीकृत किया जाना चाहिए । लिफ्टों में स्वचालित बचाव उपकरण लगाए जाने चाहिए ताकि बिजली आपूर्ति बाधित होने पर यात्रियों को बचाया जा सके। लिफ्ट में पर्याप्त प्रकाश, यात्रियों के लिए द्विमार्गी-संचार प्रणाली और आपातकालीन घंटी होनी चाहिए । सभी लिफ्टों की नियमित सर्विसिंग होनी चाहिए और वार्षिक रखरखाव अनुबंध (AMC) स्थानीय प्राधिकारियों को प्रस्तुत किया जाना चाहिए । सार्वजनिक परिसरों में स्थापित लिफ्टों की आवधिक रखरखाव की एक लॉगबुक रखी और प्रदर्शित की जानी चाहिए । खराबी दूर न होने तक लिफ्ट या एस्केलेटर पर “उपयोग में नहीं है” का दृश्यमान डिस्प्ले लगाना अनिवार्य होगा । लिफ्ट की खराबी ठीक न करने पर संबंधित पक्षों के खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगी । लिफ्ट दुर्घटना से संबंधित शिकायत ADM के कार्यालय में दर्ज की जा सकती है ।