Assets seized: नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और अन्य के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच में बड़ी कार्रवाई करते हुए मैसूर नगर विकास प्राधिकरण (MUDA) की 92 अचल संपत्तियों को कुर्क कर लिया है। यह कार्रवाई कथित रूप से भूखंड आवंटन में हुई अनियमितताओं और घोटाले से जुड़ी है। इन संपत्तियों का अनुमानित मूल्य लगभग 100 करोड़ रुपये है।
Assets seized:
ईडी की ओर से जारी बयान के अनुसार, यह कुर्की धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है। अब तक इस जांच के सिलसिले में कुल 400 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां कुर्क की जा चुकी हैं। इससे पहले एजेंसी ने 160 भूखंडों को जब्त किया था, जिनकी कीमत लगभग 300 करोड़ रुपये बताई गई थी।
ईडी का कहना है कि जिन 92 नई संपत्तियों को कुर्क किया गया है, वे सहकारी आवास समितियों और उन व्यक्तियों के नाम पर हैं जो MUDA के अधिकारियों और प्रभावशाली नेताओं के मुखौटा धारकों के रूप में कार्य कर रहे थे। यह जांच कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस की मैसूर इकाई द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और अन्य के खिलाफ आरोप लगाए गए थे। ईडी ने इस एफआईआर को आधार बनाकर इसमें धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) की दिशा में जांच शुरू की।
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ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि MUDA द्वारा सरकारी आदेशों और नियमों की अनदेखी कर बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया। अयोग्य व्यक्तियों और संस्थाओं को मुआवजे की जमीनें आवंटित की गईं। इसमें कई पूर्व आयुक्तों की भूमिका भी सामने आई है, जिनमें जीटी दिनेश कुमार का नाम प्रमुख रूप से शामिल है।
एजेंसी ने यह भी बताया कि रिश्वत के तौर पर नकद, बैंक ट्रांसफर और चल/अचल संपत्तियों के रूप में लेन-देन किए गए। ये लेन-देन सहकारी समितियों और संबंधित अधिकारियों के रिश्तेदारों या सहयोगियों के बैंक खातों के माध्यम से किए गए।
ईडी का दावा है कि उसने फर्जी दस्तावेज, अधूरे दस्तावेज और पिछली तारीखों में जारी किए गए आवंटन पत्रों के सबूत भी इकट्ठे किए हैं, जो अवैध आवंटन को साबित करते हैं। यह मामला कर्नाटक की राजनीति में एक नया भूचाल ला सकता है, खासकर तब जब राज्य के मुख्यमंत्री खुद जांच के दायरे में हैं। मामले में जांच जारी है और आगे और भी कुर्कियों तथा पूछताछ की संभावना जताई जा रही है।
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