Noida News: बैंक में धोखाधड़ी मामले में कर्मचारी गिरफ्तार, मुख्य आरोपी फरार, विदेश में होने की आशंका
Noida News । सेक्टर-22 स्थित साउथ इंडियन बैंक के सहायक प्रबंधक द्वारा 28.07 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में क्राइम ब्रांच और सेक्टर-24 पुलिस ने दो बैंक कर्मचारियों को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि दोनों को धोखाधड़ी की जानकारी थी। जांच के दौरान इसमें दोनों की संलिप्तता भी मिली। पुलिस ने दोनों के दो मोबाइल कब्जे में लिए हैं। मुख्य आरोपी अब भी फरार है। उसके विदेश में होने की आशंका जाहिर की जा रही है। इस मामले में पुलिस ने कुछ दिन पहले ही ठगी की चार करोड़ की रकम फ्रीज करा दी थी। ठगी की शेष रकम को भी फ्रीज कराने का प्रयास किया जा रहा है।
एडिशनल डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि गिरफ्त में आए कर्मचारियों की पहचान सेक्टर-34 स्थित अरावली अपार्टमेंट निवासी 23 वर्षीय जैरी जैशन और दिल्ली के दिलशाद गार्डन निवासी बिबिन सैव्सटैन के रूप में हुई है। दोनों की गिरफ्तारी सूरजपुर के पास से हुई। आरोपियों द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी बैंक खाते खोलकर दिल्ली-एनसीआर के लोगों के साथ ठगी की जाती थी। दो माह पहले साउथ इंडियन बैंक के डीजीएम रिजनल रैनजीत आर नायक ने ने करोड़ों की धोखाधड़ी और गबन के मामले में बैंक के सहायक प्रबंधक, उसकी मां और पत्नी समेत अज्ञात के खिलाफ सेक्टर-24 थाने में केस दर्ज कराया था। उन्होंने पुलिस को बताया था कि उन्हें पिछले कुछ दिनों से सेक्टर-22 स्थित शाखा से गड़बड़ी की शिकायत मिल रही थी। जिस पर विभाग ने अपनी विजिलेंस टीम से यहां की जांच कराई।
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जांच में पता चला कि सेक्टर-48 स्थित एसोसिएट इलेक्ट्रानिक्स रिसर्च फाउंडेशन नामक कंपनी के खाते से सहायक बैंक प्रबंधक राहुल शर्मा ने 28.07 करोड़ रुपये अपनी पत्नी भूमिका शर्मा और मां सीमा समेत अन्य के खातों में ट्रांसफर कर धोखाधड़ी की है। इस मामले में एसोसिएट इलेक्ट्रानिक्स रिसर्च फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने तीन, चार और छह दिसंबर को ईमेल से शिकायत दर्ज करा खाते से रुपये बिना अनुमति और जानकारी के ट्रांसफर करने के आरोप लगाए थे। मूलरूप से हरियाणा के रोहतक में रहने वाला राहुल शर्मा वर्तमान में सेक्टर-27 में परिवार के साथ रहता है। केस दर्ज होने के बाद से वह परिवार समेत फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। केस दर्ज होने के बाद पुलिस उन खातों की जांच कर रही है, जिन खातों में रकम ट्रांसफर हुई है। योजना के तहत धोखाधड़ी के लिए सहायक प्रबंधक ने अपनी मां और पत्नी समेत अन्य लोगों का संबंधित बैंक में खाता खुलवाया था। खाते को सत्यापित करने के बाद आरोपी ने इन्हीं खातों में निजी कंपनी के करोड़ों रुपये ट्रांसफर कर लिए थे। 20 से अधिक बार में रकम ट्रांसफर की गई थी।