1 min read

हां-न के बीच झूल रहा कांग्रेस-आप गठबंधन

नई दिल्ली। दिल्ली में चुनाव की तिथि नजदीक आ रही है मगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की हां और न को लेकर संस्पेंस बरकरार है। जनता टकटकी लगाकर बैठी हुई है कि कब गठबंधन होगा? जिसको लेकर समर्थकों में भी निराशा और आशा का माहौल है। ऐसे में कांग्रेस के वे नेता जरूर फंसे हैं जो लोकसभा चुनाव लडऩे के इच्छुक हैं लेकिन स्थिति अब तक साफ नहीं हो
रही है।
कहानी में इतना ड्रामा आ चुका है कि कांग्रेस और आप के नेता सातों सीटों पर लडऩे की बात कह रहे हैं लेकिन हालत यह है कि बीजेपी के नेता तक यकीन करने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में गठबधंन को लेकर क्या होने वाला है। माना जा रहा है 26 जनवरी को जब खबर ब्रेक की थी कि दिल्ली में अलायंस होने के आसार हैं और यह 4-3 पर हो सकता है तो लोगों को यकीन नहीं हुआ। मार्च का अंत आते-आते साफ हो गया कि यह सहमति का एक बड़ा विकल्प था। अभी जब गठबंधन की बात टूटने के कगार पर है तो 4-3 का रास्ता इसे शायद बचा सकता है, लेकिन इसके लिए दोनों में से किसी को झुकना होगा। कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि हम केवल दिल्ली में चार-तीन के फार्मूले पर गठबंधन करने को तैयार थे, परंतु आप नहीं मानी, लेकिन अगर वह अब भी इसके लिए तैयार होती है तो बातचीत हो सकती है। एक ट्विस्ट भी हो सकता है, ओलंपियन सुशील कुमार का नाम भी कांग्रेस की तरफ से चल रहा है, क्या वह सातवीं सीट से कैंडिडेट हो सकते हैं।

इस विकल्प को कबूल कर लेने पर आम आदमी पार्टी आज भी तैयार है। उसका कहना था कि अगर केवल दिल्ली में कांग्रेस के साथ समझौता करना है तो वह 5-2 पर राजी है। लेकिन फिलहाल इसमें सबसे बड़ी दिक्कत है कि कांग्रेस तीन से कम सीटों पर तैयार नहीं हो रही है। पहला सवाल तो यह है कि क्या कांग्रेस गठबंधन को बचाने के लिए इस रास्ते को मानेगी। दूसरा सवाल है कि कांग्रेस इसे क्यों मानेगी, क्योंकि उसका तर्क है कि एमसीडी चुनाव में उसे 21 पर्सेंट वोट मिले हैं जो ्र्रक्क से पांच पर्सेंट कम है, तो फिर वह दो ही सीट पर क्यों सिमटे? इस विकल्प पर सहमति बनी तो यह चमत्कार होगा।
नेताओं के बयानों को अगर सच मानें तो आसार हैं कि कांग्रेस और ्र्रक्क अकेले सातों सीटों पर लड़ेंगे। ्र्रक्क तो पहले ही सातों उम्मीदवार तय कर चुकी है और कांग्रेस ने भी चार के नाम पक्के कर लिए हैं तीन के लिए वह शक्ति ऐप से कार्यकर्ताओं की राय मांग रही है। ्र्रक्क ने पिछले कुछ दिनों से सीटों पर भी प्रचार तेज कर दिया है, जो शायद वह कांग्रेस को देने के लिए तैयार थी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से शीला दीक्षित को भी चुनाव में उतारने के संकेत मिले हैं, जिसका मतलब है कि वह भी अकेले लडऩे के हालात के लिए तैयार हैं। अगर पहले दो विकल्प पर बात नहीं बनीं तो जल्दी ही इसका ऐलान हो सकता है।

यहां से शेयर करें

45 thoughts on “हां-न के बीच झूल रहा कांग्रेस-आप गठबंधन

Comments are closed.