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राफेल डील मामला > रक्षा मंत्रालय नहीं एयरफोर्स के अधिकारी को बुलाएं : सीजेआई

नई दिल्ली। राफेल सौदे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर आज अहम सुनवाई हुई। अदालत राफेल सौदे की कीमत और उसके फायदों की जांच करेगा। केंद्र ने पिछली सुनवाई में 36 राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत और उसके फायदे के बारे में कोर्ट को सीलबंद दो लिफाफों में रिपोर्ट सौंपी थी।
खबर लिखे जाने तक चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस के कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ इस मामले में अहम सुनवाई कर रही थी। जिसमें याचिकाकर्ताओं ने भी दलीलें दीं। याचिकाकर्ताओं ने सौदे की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की है।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा है कि वह रक्षा मंत्रालय का पक्ष नहीं सुनना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि कोई एयरफोर्स का अधिकारी आए और अपनी जरूरतों को बताए।
सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि पहले इस डील में 108 विमान भारत में बनाने की बात की जा रही थी। 25 मार्च 2015 को दसॉल्ट और एचएएल में करार हुआ और दोनों ने कहा कि 95 फीसदी बात हो गई है। लेकिन 15 दिन बाद ही प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान नई डील सामने आई जिसमें 36 राफेल विमान पक्के हुए और मेक इन इंडिया को किनारे कर दिया गया।

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