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अपनों ने ही लूट लिया सबकुछ

दादरी। एक कहावत है कि कोई भी व्यक्ति जंग में किसी से हारे या ना हारे लेकिन अपनों के आगे हार जाता है। ठीक ऐसा ही कोट गांव में देखने को मिल रहा है। यहां दलित महेश अपनों का ही दर्द सीने में लिए बिना कपड़े इधर.उधर घूमते हुए देखा जा सकता है। महेश के भाई ब्रह्म सिंह ने उसका हिस्सा भी अपने लड़के मनोज संदीप और हरण तथा पत्नी विमलेश के नाम कराया। इस जमीन को फर्जी तरीके से नाम कराने के बाद गांव के ही प्रधान सोनू उर्फ विपिन गौतम व समयवीर ने बेचने के लिए विजेंद्र से इकरारनामा करा दिया।
विजेंद्र से जमीन बेचना तय हो गया जिसके बाद सोनू और समयवीर ने विजेंद्र से जाकर कहा कि ब्रह्म सिंह की पत्नी की तबीयत बेहद खराब है। उन्हें पैसे की जरूरत है। आप फिलहाल पैसा दे दोए जमीन आपके नाम हो जाएगी। विजेंद्र ने तुरंत 13 लाख का चेक विमलेश देवी के नाम दे दिया लेकिन जमीन नाम नहीं की। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। रिपोर्ट तो पहले ही दर्ज हो चुकी है। अब पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। तहसील में भी पता लगाया जा रहा है कि आखिर महेश के हिस्से की जमीन उसके भाई ब्रह्म सिंह के बेटों के नाम कैसे कर दी गई।

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