एनसीआर में पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख

new delhi news  सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान सरकारों को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अंतर्गत आने वाले इलाकों में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध को सख्ती से लागू करें। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि राज्य सरकारें या उनके अधिकारी इस निर्देश का पालन करने में विफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जाएगी।
जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (ईपीए) की धारा 5 का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्देश जारी कर सकती है, और इन निदेर्शों का पालन कानून प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से अनिवार्य रूप से कराया जाना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि पटाखों के निर्माण, बिक्री, भंडारण और आॅनलाइन उपलब्धता पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जाना चाहिए और इसका ईमानदारी से कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। साथ ही, राज्य सरकारों को इस प्रतिबंध और इसके तहत लागू जुमार्नों का व्यापक प्रचार करने का भी आदेश दिया गया है।
पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक यह साबित नहीं होता कि तथाकथित ह्यहरित पटाखोंह्ण से प्रदूषण न्यूनतम है, तब तक प्रतिबंध में कोई ढील नहीं दी जाएगी। अदालत ने कहा कि केवल दीपावली के दौरान प्रतिबंध पर्याप्त नहीं है क्योंकि पटाखों को पहले से खरीदा और संग्रहित किया जा सकता है।
कोर्ट ने सभी संबंधित राज्यों से विस्तृत अनुपालन हलफनामा दाखिल करने को कहा है और दोहराया है कि दिल्ली सरकार की तरह वर्षभर प्रतिबंध आवश्यक है ताकि वायु प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण हो सके।

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