Pegasus espionage case Delhi । पेगासस जासूसी केस में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज यानी मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया है। टेक्निकल पैनल की रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन में लाने की मांग को आज कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ी किसी भी रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया जाएगा।
रिपोर्ट सड़कों पर चर्चा का दस्तावेज नहीं
पेगासस विवाद में आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि व्यक्तिगत आशंकाओं का समाधान किया जा सकता हैए लेकिन तकनीकी पैनल की रिपोर्ट सड़कों पर चर्चा का दस्तावेज नहीं हो सकती। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि इस बात की जांच करनी होगी कि तकनीकी पैनल की रिपोर्ट किस हद तक व्यक्तियों के साथ साझा की जा सकती है। पीठ ने कहाए देश की सुरक्षा और संप्रभुता को प्रभावित करने वाली किसी भी रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया जाएगा। लेकिन जो व्यक्ति यह जानना चाहते हैं कि क्या उन्हें इसमें शामिल किया गया है तो उन्हें जानकारी दी जा सकती है। हम पेगासस से प्रभावित लोगों की मांग पर विचार कर सकते हैं। लेकिन इसे सड़कों पर चर्चा का दस्तावेज नहीं बनाया जा सकता है।
वकील कपिल सिब्बल ने कहा
याचिकाकर्ता की तरफ से बहस कर रहे वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अमेरिकी जिला अदालत का एक फैसला है। सिब्बल ने कहाए व्हट्सएप ने खुद ही इसका खुलासा किया है। किसी तीसरे पक्ष ने नहीं। व्हाट्सएप ने हैकिंग के बारे में बताया है। याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान ने 22 अप्रैल को ये मामला सर्वोच्च न्यायालय के सामने उठाया था। उन्होंने कहा था कि 2021 में बनाए गए टेक्निकल पैनल की रिपोर्ट सभी को देने का निर्देश दिया गया थाए लेकिन अभी तक से साझा नहीं की गई।
उन्होंने सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के निर्देश देने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की थी।
Pegasus espionage case
क्या है पूरा मामला
बता दें कि 2019 में एक रिपोर्ट सामने आईए जिसमें दावा किया गया था कि भारत सरकार ने नेताए मंत्रीए पत्रकार समेत करीब 300 लोगों की जासूसी के लिए पेगासस का इस्तेमाल किया। अगस्त 2021 में यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।
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