RBI का आमजन को तोफहा, अब घटेगी घर की EMI

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की एमपीसी की बैठक के नतीजे आ गए हैं और केंद्रीय बैंक ने टैरिफ टेंशन के बीच बड़ी राहत दी है। आरबीआई एमपीसी की 54वीं बैठक और नए फाइनेंशियल ईयर 2026 की पहली बैठक के नतीजों की घोषणा करने के दौरान आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा (RBI Governor Sanjay Malhotra) ने ग्लोबल इकोनॉमिक टेंशन और ट्रेड वॉर पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस चुनौतियों भरे माहौल में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती का ऐलान किया है और इसके बाद रेपो रेट 6 प्रतिशत पर आ गया है। साल 2025 में ये लगातार दूसरी बार है जब केंद्रीय बैंक ने बड़ी राहत दी है। इससे पहले फरवरी में हुई बैठक में रेपो रेट (Repo Rate) 0.25 फीसदी घटाया गया था, जिसके बाद ये कम होकर 6.25 फीसदी पर आ गया था। बता दें कि ये कटौती पांच साल के लंबे अंतराल के बाद की गई थी।

आरबीआई एमपीसीअ की बैठक में रेपो रेट कट पर लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए, आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि नए कारोबारी साल 2026 की शुरुआत चुनौतियों के साथ हुई है, लेकिन पिछले कारोबारी साल के पहली छमाही में सुस्ती के बाद भारत की अर्थव्यवस्था लगातार ग्रोथ कर रही है। उन्होंने टैरिफ को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि हाई टैरिफ से नेट एक्सपोर्ट गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती के बारे में बताते हुए कहा कि एमएसएफ रेट 6.5ः से घटकर 6.25ः पर आ गया है। एसडीएफ रेट 6 प्रतिशत से घटाकर 5.75 प्रतिशत हो गया है।

जीडीपी ग्रोथ को लेकर कहा

इस दौरान RBI गवर्नर ने भारत की जीडीपी ग्रोथ को लेकर कहा कि इस साल भारत की जीडीपी ग्रोथ पहली और दूसरी तिमाही में 6.5 फीसदी पर रहने का अनुमान है। वहीं तीसरी तिमाही में इसके 6.6 फीसदी, जबकि चैथी तिमाही में 6.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। इसके साथ ही महंगाई दर के 4 फीसदी के दायरे रहने की उम्मीद जाहिर की गई है। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आई गिरावट से फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में इन्वेस्टमेंट एक्टिविटीज में तेजी आई है, इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी सुधार के संकेत मिले हैं।

 

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