दिल्ली से कश्मीर जाने वालों के लिए लोगों में भय, रामबन में आई बाढ, आज जम्मू-कश्मीर में स्कूल बंद

Ramban Area is flooded: जम्मू से कश्मीर जाने वाले रास्ते में रामबन आता है। जो लोग दिल्ली से कश्मीर जाते है उन्हें रामबन से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में यहां से जाने वाले लोगों में भय का माहौल है। रामबन में बाढ़ आई है। बता दें कि भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ और भूस्खलन की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि बचाव दल ने 100 लोगों को रेस्क्यू कर लिया है। अभी भी मलबे में कई गाड़ियां फंसी हुई हैं। कई घरों और दुकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। रामबन के एक दुकानदार ने बताया कि उनकी दो दुकानें थीं, जो रातों-रात गायब हो गईं।
बाढ में पूरा बाजार हुआ गायब
रामबन के रहने वाले लोगों ने समाचार न्यूज एजेंसी को बताया अचानक बाढ का कहर शुरू हुआ। मौके पर मौजूद राम नामक व्यक्ति ने कहा ‘मैं दूसरी तरफ रहता हूं, लेकिन वहां भी पानी का बहाव बहुत तेज था, हम समय पर यहां नहीं पहुंच सके। जब मैं यहां पहुंचा तो देखा कि मेरी दुकान समेत पूरा बाजार गायब हो गया था। यह पहली बार है जब मैं ऐसा कुछ देख रहा हूं। रामबन के एक दुकानदार रवि कुमार ने बताया, ‘बाजार में मेरी दो दुकानें थीं। जब हमें सुबह चार बजे पता चला कि पूरा बाजार बह गया है, तो हम यहां पहुंचे तो पाया कि यहां कुछ भी नहीं बचा है।

वहीं अमित कुमार ने कहा, ‘हमें नहीं पता था कि मदद के लिए किससे संपर्क करें, क्या करें। हमें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। ये दुकानें ही हमारे जीवन यापन का एकमात्र साधन थीं। अब हमारे पास न तो कोई दुकान है और न ही कोई जमीन। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि वह आकर हमारी मदद करे। यह बहुत ही भयावह दृश्य था, कल्पना से परे। हम चाहते हैं कि हमारे कर्ज माफ कर दिए जाएं, हमारे पास कुछ भी नहीं बचा है।’ रामबन के पुलिस कप्तान कुलबीर सिंह ने कहा कि सभी पुलिस थानों को सतर्क कर दिया गया है और धर्म कुंड से लगभग 100 लोगों को बचाया गया है।

स्कूल बंद का ऐलान
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में आज 21 अप्रैल को सभी स्कूल बंद रहेंगे। जम्मू-कश्मीर की शिक्षा मंत्री सकीना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि 21 अप्रैल तक स्कूल बंद रहेंगे। उन्होंने लिखा, ‘लगातार खराब मौसम की स्थिति और पूर्वानुमानों के मद्देनजर, यह निर्णय लिया गया है कि घाटी के सभी स्कूलों में 21 अप्रैल एक दिन के लिए कक्षाएं निलंबित रहेंगी। यह निर्णय सभी छात्रों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम के रूप में लिया गया है।

 

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