Big News: अवैध कालोनियों में मौत के साये में जिंदगी, 7 साल बाद भी नहीं बदली हालात

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Big News: ग्रेटर नोएडा : नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में अवैध निर्माण का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। डूब क्षेत्र और ग्रामीण इलाकों में बिना किसी नक्शा पास कराए बहुमंजिला इमारतें खड़ी की जा रही हैं। 2018 में शाहबेरी गांव में दो इमारतें ढहने से नौ लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी। उस वक्त नींव कमजोर होने की बात सामने आई थी। लेकिन सात वर्ष बाद भी प्रशासनिक चेतावनी और नियमन के दावों के बावजूद अवैध निर्माण जारी हैं।

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प्राधिकरण की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में

नोएडा प्राधिकरण ने दो वर्ष पहले स्ट्रक्चरल ऑडिट नीति लागू की थी, मगर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब तक इसे अमल में नहीं ला सका है, जबकि नीति को बोर्ड बैठक में पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। अवैध कालोनाइज़र मानकों की अनदेखी करते हुए चार-पांच मंजिला इमारतें खड़ी कर चुके हैं, जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं।

Big News: महागुन मार्ट के पास जर्जर इमारत में लोग रह रहे

ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित महागुन मार्ट के पास प्राधिकरण द्वारा ध्वस्त की गई एक इमारत की नींव पहले ही तोड़ दी गई थी, बावजूद इसके उसमें अभी भी लोग रह रहे हैं। यह स्थिति संभावित त्रासदी को न्योता देने जैसी है। जिले में करीब 2,000 से अधिक जर्जर इमारतें घोषित की जा चुकी हैं, जिनकी जांच और कार्यवाही अब तक अधर में लटकी हुई है।

पुरानी सरकारी इमारतें भी जर्जर

दादरी तहसील की पुरानी इमारत खुद भी जर्जर हालत में है, मगर फिर भी इसमें कार्य जारी है। यह स्थिति न केवल आम लोगों, बल्कि सरकारी कर्मियों की भी सुरक्षा से खिलवाड़ है।

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सैकड़ों की संख्या में पनप रहीं अवैध कॉलोनियां

ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी, वेदपुरा, बिसरख, देवला, खेड़ी, सुनपुरा, रोजा जलालपुर, हल्दौनी, अच्छेजा, पतवाड़ी, तुस्याना, खेड़ा चौगानपुर, ऐमनाबाद, चिपियाना बुजुर्ग, चक शाहबेरी और हैबतपुर जैसे इलाकों में अवैध कॉलोनियों का निर्माण खुलेआम जारी है। डूब क्षेत्र कुलेसरा में भी बड़े स्तर पर अवैध निर्माण हो चुका है।

प्राधिकरण कार्रवाई तो करता है, लेकिन वह अक्सर केवल उन्हीं जगहों तक सीमित रहती है जहां निर्माण अधूरा हो या सिर्फ चारदीवारी खड़ी हुई हो। पूरी तरह निर्मित और आबाद इलाकों को हाथ तक नहीं लगाया जाता।

नोएडा में भी अवैध कॉलोनियों का अड्डा बन चुके हैं कई सेक्टर

नोएडा के सेक्टर 101, 102, 104, 105, 106, 107, 108, 110, 136, 137, 141, 142, 143, 143, 143बी, 144 समेत नगली वाजिदपुर, सलारपुर, हाजीपुर, गेझा, तिलपताबाद, भंगेल, बेगमपुर, गढ़ी और शाहदरा गांवों में भी अवैध रूप से कॉलोनियां काटी और बसाई जा रही हैं।

हालांकि इन कॉलोनियों को नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के डूब क्षेत्र में अवैध घोषित किया जा चुका है, लेकिन निर्माण और बिक्री का काम जारी है।

प्रशासनिक निष्क्रियता और जानलेवा उदासीनता

बार-बार की चेतावनी, हादसों और सरकारी घोषणाओं के बावजूद अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोग आज भी मौत के साये में जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं। न तो संरचनात्मक सुरक्षा की गारंटी है, न ही जीवन की। जरूरत है कि जिला प्रशासन, प्राधिकरण और संबंधित एजेंसियां नीतियों को सिर्फ कागज़ों तक सीमित रखने की बजाय ज़मीनी कार्रवाई करें।

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