Noida: गजब है प्राधिकरण, घोटाले के लिए केवल जेई जिम्मेदार, अफसरों को पता तक नहीं, खड़े हो रहे सवाल

Noida: नोएडा में एक के बाद ऐसे मामले निकल कर सामने आ रहे है जो हैरान कर देने वाले है। इस बार सदरपुर में प्राधिकरण ने 12 फरवरी को जिस सामुदायिक केंद्र का लोकार्पण सांसद-विधायक से करवाया था उसमें घोटाला निकाल कर सामने आ रहा है। विद्युत यांत्रिक विभाग की ओर से किया गया यह घोटाला नोएडा प्राधिकरण की तरफ से बनाई गई कमेटी की जांच में निकल कर सामने आया है।
रिपोर्ट में उजागर हुए ये तथ्य
बता दें कि इस रिपोर्ट में कहा गया, मौके पर कई काम हुए नहीं जिनका भुगतान किया गया, लेकिन एक महीने बाद सीईओ की फटकार पर रिपोर्ट सौंपने वाली जांच समिति ने पूरे घपले का ठीकरा एक जूनियर इंजीनियर यानी जेई पर फोड़ते हुए उसे जिम्मेदार बता दिया है। जरा सोचिए जिस फाइलप र अफसरों के भी हस्ताक्षर होते हो क्या जेई अकेले ऐसा कर सकता है। जिम्मेदार वरिष्ठ प्रबंधक, प्रबंधक और अन्य अधिकारियों को भी क्लीनचिट दे दी गई है।
मौके पर काम नही लेकिन भुगतान हो गया
यहां बात सामुदायिक केंद्र के प्रोतेक्ट की करें तो यह करीब 2 करोड़ 37 लाख रुपये की है। इसमें सिविल और विद्युत यांत्रिक दोनों काम शामिल थे। बिजली से जुड़े काम करीब 40 लाख रुपये के होने थे। इसका टेंडर अलग से जारी हुआ था। आरोप यह है कि यह काम पाने वाली एजेंसी ने मौके पर सभी काम पूरे नहीं करवाए। वहीं दूसरी तरफ सर्कल के इंजीनियरों ने काम पूरा हुए बगैर भुगतान कर दिया। इस आरोप पर प्राधिकरण के सीईओ डॉ लोकेश एम जांच बैठा दी। जांच समिति ने घोटाला जरूर उजागर कर दिया है लेकिन इसकेे के पीछे जो चेहरे हैं उनको ढकने की पूरी कोशिश भी की है। समिति ओएसडी की अध्यक्षता में बनाई गई थी। इसमें जीएम विद्युत यांत्रिक भी शामिल थे। समिति ने अपनी रिपोर्ट की आखिर लाइन में लिखा है कि किए गए काम का मिलान करते हुए जेई ने भुगतान नहीं रोका। इसलिए प्रथम दृष्टया जेई दोषी प्रतीत होता है।

 

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