Bihar News: बुधवार, 2 जुलाई 2025 को हजारों की संख्या में छात्र पटना की सड़कों पर उतरे और सरकार से स्थानीय युवाओं को नौकरियों में प्राथमिकता देने की मांग की।
विरोध का कारण: छात्रों की मुख्य मांग है कि बिहार की सरकारी नौकरियों और प्राथमिक शिक्षा में डोमिसाइल नीति लागू की जाए, ताकि स्थानीय युवाओं को अधिकतम अवसर मिल सकें। उनका कहना है कि “वोट दे बिहारी, नौकरी ले बाहरी” यह अब नहीं चलेगा।
मांगें: छात्र विभिन्न सरकारी भर्तियों में 90% सीटें स्थानीय उम्मीदवारों के लिए आरक्षित करने की मांग कर रहे हैं, जबकि प्राथमिक शिक्षक भर्ती में 100% डोमिसाइल लागू करने की मांग ज़ोर शोर से कर रहें है।
प्रदर्शन का मार्ग: यह प्रदर्शन पटना कॉलेज से शुरू हुआ और डाकबंगला चौराहे तक पहुंचा, जहाँ छात्रों ने जोरदार नारेबाजी की। कई छात्र मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन सफल नहीं हुए ।
पुलिस के द्वारा कार्रवाई: प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया, जिससे कुछ छात्रों को हल्की चोटें भी आईं।
पहले भी हुए प्रदर्शन: यह पहली बार नहीं है जब छात्र इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरे हैं। इससे पहले भी 5 जून को इसी मुद्दे पर एक बड़ा धरना-प्रदर्शन हुआ था।
चेतावनी: छात्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगों को जल्द नहीं मानती है, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। उन्होंने ‘नो डोमिसाइल नो वोट’ का नारा भी दिया है।
छात्रों का कहना है कि अन्य राज्यों की तर्ज पर बिहार में भी स्थानीय आरक्षण लागू होना चाहिए, ताकि बिहार के युवाओं को रोजगार के उचित अवसर मिल सकें। यह मुद्दा बिहार की राजनीति में गरमाया हुआ है, खासकर चुनावी माहौल को देखते हुए।
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