new delhi news एनसीईआरटी ने सातवीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में बड़ा बदलाव किया है। अब छात्रों को मुगलों और दिल्ली सल्तनत के इतिहास के बारे में नहीं पढ़ाया जाएगा। इसके स्थान पर प्राचीन भारतीय राजवंशों जैसे मगध, मौर्य, शुंग और सातवाहन पर नए अध्याय शामिल किए गए हैं। इन अध्यायों में भारतीय लोकाचार पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके अलावा, ‘समाज का अध्ययन: भारत और उसके आगे’ नामक किताब में महाकुम्भ, भूगोल, मेक इन इंडिया, और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी सरकारी पहलों पर केंद्रित नए अध्याय जोड़े गए हैं।
नई पाठ्यपुस्तक को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफएसई) 2023 के अनुरूप तैयार किया गया है। हालांकि, एनसीईआरटी ने स्पष्ट किया है कि यह पाठ्यपुस्तक का पहला भाग है और दूसरा भाग आगामी महीनों में जारी किया जाएगा।
इस बदलाव के तहत मुगलों और दिल्ली सल्तनत से संबंधित पाठों को पहले छोटा किया गया था, और अब पूरी तरह से हटा दिया गया है। पाठ्यपुस्तक में भारत के संविधान, पवित्र स्थल, और जातिवाद पर भी अध्याय शामिल किए गए हैं। साथ ही, महाकुम्भ मेले में 66 करोड़ लोगों की भागीदारी और सरकारी योजनाओं पर भी जानकारी दी गई है।
एनसीईआरटी ने सातवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक से मुगलों का इतिहास गायब!
