Lok Sabha Elections 2024: यूपी में कांग्रेस बढ़ाएगी सक्रियता, कांग्रेस का दलित और सवर्ण कार्ड
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Lok Sabha Elections 2024: यूपी में कांग्रेस बढ़ाएगी सक्रियता, कांग्रेस का दलित और सवर्ण कार्ड

नई दिल्ली। कांग्रेस ने 80 संसदीय सीटों वाले उत्तर प्रदेश में संगठन की कमान अक्टूबर 2022 में जब बृजलाल खबरी को सौंपी तो संकेत यही गया कि पार्टी की नजर पूरी तरह दलित वोटों पर जा टिकी है। संभव है कि रणनीति भी यही हो, लेकिन उस पर अमल जमीन पर नजर आता, उसके पहले ही कांग्रेस ने बाजी एक बार फिर पलट दी है। कांग्रेस यह मानती है कि पार्टी के पुनरोद्धार का रास्ता उत्तर पदेश से होकर ही जाता है। यही वजह है कि चाहे विधानसभा की 403 सीटें हों या लोकसभा की 80 सीटें। इनके लिए हर चुनाव में पार्टी पूरा जोर लगा रही है, अलग-अलग दांव भी आजमा रही है, लेकिन सफलता हाथ नहीं लग रही।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि अब कांग्रेस की की नजर अपने पुराने दलित, सवर्ण और मुस्लिम वोटबैंक पर है। अजय राय को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सवर्णों को संदेश देने का प्रयास किया है तो दलित राजनीति के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का ही सहारा लिया जाएगा। यह संदेश देने का प्रयास किया जाएगा कि इतने बड़े पद पर पार्टी ने दलित को बैठाया है।

Lok Sabha Elections 2024:

इसके लिए लोकसभा चुनाव 2024 तक खरगे की 30 जनसभाएं उत्तर प्रदेश में कराने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस संबंध में पांच सितंबर को खरगे और अजय राय की दिल्ली में भेंट भी संभावित है। इसके अलावा चर्चा है कि मुस्लिम वर्ग को साधने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव तारिक अनवर को प्रियंका गांधी वाड्रा के स्थान पर उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया जा सकता है। इस बाजी में सबसे ऊपर अजय राय के रूप में सवर्ण कार्ड दिखाई देता है, लेकिन रणनीति अब थोड़ी अलग है। सवर्ण वोट के लिए अजय राय तो दलितों को लुभाने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के चेहरे का सहारा लिया जाएगा। उनकी सक्रियता बढ़ाते हुए यूपी में 30 जनसभाएं कराने की तैयारी है। बार-बार विफल रहे प्रयोग सिनेमा का आकर्षण साथ रखने वाले राजनेता राज बब्बर का जादू 2017 के विधानसभा चुनाव में नहीं चला तो हार का ठीकरा उनके सिर पर फोड़कर कांग्रेस हाईकमान ने 2018 में उन्हें उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया। इसके बाद प्रयोग करते हुए जमीनी और जुझारू कार्यकर्ता की छवि रखने वाले अजय कुमार लल्लू को अध्यक्ष बनाया। यह प्रयोग भी विफल रहा। पार्टी सिर्फ दो विधानसभा सीटों पर सिमट गई और खुद लल्लू भी चुनाव हार गए। पार्टी का यह ओबीसी कार्ड था, जो कोई प्रभाव नहीं छोड़ सका।

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इसके बाद 2022 में कांग्रेस ने बसपा से आए बृजलाल खबरी को प्रदेश अध्यक्ष तो पांच जोनल अध्यक्ष बनाने का प्रयोग अपनाया। माना जा रहा था कि खाबरी के जरिए कांग्रेस उस दलित वोट बैंक में सेंध लगाना चाहती है, जिसे काफी हद तक बसपा से खींचकर भाजपा मजबूत हुई है। खाबरी अभी सक्रिय भी नहीं हो पाए थे, अपनी कार्यकारिणी तक नहीं बना पाए थे कि फिर परिवर्तन हो गया और पार्टी ने पूर्वांचल के भूमिहार नेता अजय राय को प्रदेश संगठन की कमान सौंप दी है।

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