Iran and Israel War: ईरान और इजरायल के बीच जंग का आज आठवां दिन है। ईरान और इजरायल में फंसे भारतीय नागरिक स्वदेश लौटने लगे हैं। भारतीय छात्रों का पहला जत्था दिल्ली के इंदिरा गाँधी इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर पहुंचा, उन्होंने सरकार को शुक्रिया कहा। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ईरान के बाद अब इजरायल से भी भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने की घोषणा की है। वहीं इजरायली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने कहा कि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई को जीने का कोई अधिकार नहीं है। इस बीच दोनों के बीच हमले तेज हो गए है। अहम सवाल है कि आखिर इजरायल चाहता क्या है? इजरायल का कहना है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम उसके अस्तित्व के लिए खतरा है। 13 जून को जब उसने ईरान पर हमला किया तो उसका कहना था कि यह इस्लामिक मुल्क परमाणु हथियार बनाने से बस एक कदम दूर है। इजरायल का साफ कहना है कि वह ईरान को ऐसे परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देगा जो न सिर्फ उसके लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा हों।
मिडिल ईस्ट में हालात और ज्यादा हो सकते है खराब
बता दें कि ईरान और इजरायल की इस जंग में अगर अमेरिका भी शामिल हो जाता है तो निश्चित रूप से मिडिल ईस्ट में हालात और ज्यादा खराब हो सकते हैं। इन सब दावों के मद्देनजर कई सवाल उठने लगे हैं। अगर खामेनेई शासन टूट जाता हैै तो ईरान का क्या होगा? क्या फिर से रजा पहलवी के समर्थकों के हाथ सत्ता आ जाएगी या फिर कोई दूसरा समूह दावेदार होगा? कुछ ऐसे भी दावे किए जा रहे हैं कि खामेनेई के बाद ईरान टूट भी सकता है। पिछले दिनों ईरान के एक निर्वासित नेता ईमान फोरोउतान ने आशंका जताई है कि सत्ता परिवर्तन के बाद ईरान विभाजित हो सकता है और उत्तर-पश्चिमी ईरान में रहने वाले कुर्द ऐसा करने के लिए इन हालातों का फायदा उठा सकते हैं।
ईरान में सबसे अधिक शिया मुस्लिम
एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार ईरान की अनुमानित जनसंख्या 87.6 मिलियन (वर्ष 2023 के मध्य तक) होगी। ईरानी सरकार के अनुमान के अनुसार यहां की जनसंख्या में मुस्लिम आबादी 99.4 प्रतिशत हैं, जिनमें से 90 से 95 प्रतिशत शिया हैं और 5 से 10 प्रतिशत सुन्नी हैं।
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