Gold and silver prices fluctuate News: सोने चांदी के रेट लगातार बढते रहे। त्योहार आए तो काफी उछाल देखा गया। दीपावली के आस-पास रेट आसमान छूने के बाद, सोना और चाँदी की कीमतों में हाल ही में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। त्योहारी मांग के कारण कीमतों में जो तेजी आई थी, वह अब लगातार गिरने पर है, जिसके पीछे कई घरेलू और वैश्विक कारक जिम्मेदार हैं। यह उतार-चढ़ाव निवेशकों और आम खरीदारों दोनों के लिए चिंता और अवसर दोनों पैदा कर रहा है। इसमें सबसे ज्यादा मिडल क्लास फंसा है। क्योंकि लोगों ने सोचा कि सोने के रेट लगातार बढ रहे है तो जिस प्राकर से शेयर मार्केट में बढते है वैसे ही बढते रहेंगे। लेकिन ऐसा नही हो पाया है। चालिए सभी कारणों पर नजर डालते है।
लगातार बढ़ोतरी का दौरः दीपावली से पहले की स्थितिसोना और चाँदी, जिन्हें पारंपरिक रूप से सुरक्षित निवेश माना जाता है, उनकी कीमतों में दीपावली और धनतेरस से पहले एक अभूतपूर्व उछाल देखा गया था।
- त्योहारी एवं विवाह की मांग: भारत में धनतेरस और दीपावली के दौरान सोना खरीदना शुभ माना जाता है, जिससे भौतिक सोने और आभूषणों की मांग अचानक बढ़ जाती है। विवाह का सीज़न शुरू होने से भी मांग को बल मिला।
- सुरक्षित निवेश की तलाश: वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, भू-राजनीतिक तनाव और शेयर बाजारों की अस्थिरता के कारण निवेशकों ने सुरक्षित माने जाने वाले सोने और चाँदी में बड़े पैमाने पर निवेश करना शुरू कर दिया।
- मुद्रास्फीति (Inflation): बढ़ती महंगाई के दौर में, लोग अपनी संपत्ति का मूल्य बनाए रखने के लिए मुद्रा की जगह सोने को प्राथमिकता देते हैं, जिससे इसकी कीमतों में उछाल आता है।
दीपावली के बाद रिकॉर्ड गिरावट: कारण और विश्लेषण
त्योहारों के तुरंत बाद, सोने और चाँदी के भावों में आई गिरावट ने 12 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यह गिरावट मुख्यतः इन पाँच प्रमुख कारणों का परिणाम है:
- मुनाफावसूली (Profit-Booking): कीमतों के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँचने के बाद, कई निवेशकों ने मुनाफा कमाने के लिए बड़ी मात्रा में सोना और चाँदी बेचना शुरू कर दिया। बाजार में अचानक आई इस बिकवाली ने कीमतों पर जबरदस्त दबाव डाला।
- त्योहारी मांग में कमी: दीपावली और धनतेरस की खरीदारी समाप्त होते ही घरेलू बाजार में सोने और चाँदी की मौसमी मांग में भारी कमी आई है। मांग और आपूर्ति के सिद्धांत के अनुसार, मांग घटने से कीमतें स्वतः ही कम हो जाती हैं।
- वैश्विक बाजार में गिरावट और डॉलर की मजबूती: अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से सोने की कीमतों पर दबाव पड़ा। डॉलर में मजबूती आने पर, अन्य मुद्राओं वाले निवेशकों के लिए सोना खरीदना महंगा हो जाता है, जिससे वैश्विक मांग घटती है।
- अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में सकारात्मक संकेत: अमेरिका और चीन जैसे प्रमुख आर्थिक शक्तियों के बीच व्यापार वार्ताओं में सकारात्मक प्रगति के संकेतों ने निवेशकों की अनिश्चितता को कम किया है। इससे निवेशकों ने सुरक्षित निवेश (सोना) से निकलकर अधिक जोखिम वाले लेकिन उच्च-रिटर्न वाले परिसंपत्ति वर्गों (जैसे शेयर बाजार) की ओर रुख किया है।
- फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर उम्मीदें: अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती या बदलाव की अटकलें भी बाजार को प्रभावित करती हैं। ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी की उम्मीद से डॉलर मजबूत होता है और सोने की कीमतें गिरती हैं।
आगे क्या? निवेशकों और ग्राहकों के लिए सलाह
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिरावट खरीदारों के लिए एक अच्छा अवसर हो सकता है। रिकॉर्ड ऊंचाई से नीचे आए भावों का फायदा उठाकर ग्राहक अपनी खरीदारी पूरी कर सकते हैं। हालांकि, वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव और अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों (जैसे सीपीआई डेटा) का असर आने वाले दिनों में भी कीमतों पर देखने को मिल सकता है।
- अल्पावधि: विश्लेषक अल्पावधि में अस्थिरता की चेतावनी दे रहे हैं, लेकिन गिरावट और बढ़ सकती है।
- दीर्घावधि: विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक अनिश्चितताओं, केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद और मुद्रास्फीति के जोखिम के कारण मध्यम से दीर्घावधि में सोना और चाँदी एक बेहतर निवेश बने रह सकते हैं।
ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार के रुझानों पर नज़र रखें और सोच-समझकर निवेश/खरीदारी करें। यह गिरावट एक सुधार (Correction) भी हो सकती है, जिसके बाद कीमतों में फिर से उछाल आने की संभावना बनी हुई है।
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