Female wrestler sexual abuse : बृजभूषण सिंह के खिलाफ 16 अक्टूबर को होगी सुनवाई
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Female wrestler sexual abuse : बृजभूषण सिंह के खिलाफ 16 अक्टूबर को होगी सुनवाई

Female wrestler sexual abuse : नई दिल्ली। महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों के संबंध में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने आरोपितों की ओर से अधिकार क्षेत्र को लेकर दी गई दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि मुकदमा चलाने के लिए इजाजत लेने की जरूरत तब होती है, जब पूरा अपराध भारत के बाहर हुआ हो। राऊज एवेन्यू कोर्ट के एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने आरोप तय करने के मामले पर अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को करने का आदेश दिया।

Female wrestler sexual abuse :

आज सुनवाई के दौरान बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर पेश हुए। बृजभूषण ने एशियन गेम्स में बजरंग पुनिया के मेडल नहीं जीतने पर कहा कि 65 किलो की कैटेगरी में गोल्ड आना चाहिए था। अगर ट्रायल के जरिए बजरंग जाते या कोई और पहलवान भी जाता भी गोल्ड जीतना पक्का था। सिंह ने कहा कि मेरे बाद फेडरेशन में जो भी आए वह फेडरेशन तमाम खिलाड़ियों को ट्रायल करने के बाद ही बाहर भेजे। ट्रायल के बाद ही खिलाड़ियों को बाहर भेजना चाहिए, उन्हें किसी की दया पर नहीं जाना चाहिए।

सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि यहां अपराध प्रक्रिया संहिता की 188 तभी लागू होगी, जब संपूर्ण अपराध भारत के बाहर किया गया हो। इस मामले में अपराध इस अदालत के अधिकार क्षेत्र में भी हुआ है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि अपराध में उद्देश्य की समानता के आधार पर यह तर्क भी स्वीकार नहीं किया जा सकता कि यह अपराध एक सतत अपराध नहीं है। जहां तक सजा की अवधि का सवाल है तो तीन साल से अधिक की सजा वाले अपराध के लिए मुकदमा चलाने पर कोई रोक नहीं है। इस मामले मे पांच साल की सजा का प्रावधान है।

सुनवाई के दौरान बृजभूषण की ओर से पेश वकील राजीव मोहन ने कहा कि लगभग सभी शिकायतकर्ताओ ने सांस चेक करने के बहाने से छूने का आरोप लगाया है, लेकिन किसी ने भी इस नियम पर सवाल नहीं उठाया। उन्होंने आरोपों की गंभीरता पर कहा कि कानून के मुताबिक आरोप तय करते वक्त आरोपों की गंभीरता पर जांच नहीं की जा सकती है। बृजभूषण की तरफ से शिकायतकर्ता द्वारा बयान बदले जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बृजभूषण के ऊपर आरोप तब लगाए गए जब धरना-प्रदर्शन हुआ, जो कि असलियत से बिल्कुल परे है।

23 सितंबर को दिल्ली पुलिस ने कहा था कि जब भी आरोपित को मौका मिला था, वह महिला पहलवान की लज्जा भंग करने की कोशिश करता था। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि सवाल यह नहीं है कि पीड़ित लड़की ने घटना के समय कोई प्रतिक्रिया दी है या नहीं, यहां मुद्दा उनके साथ गलत किए जाने का है। मामले मे जो भी सबूत और साक्ष्य पेश किए गए हैं, उनके आधार पर आरोपित के खिलाफ आरोप तय किया जा सकता है। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि अगर किसी महिला के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए के तहत अपराध होता है तो उसके तहत आरोपित को अधिकतम तीन साल की सजा हो सकती है। उन्होंने कहा कि जब भी आरोपित को मौका मिला था वह महिला पहलवान की लज्जा भंग करने की कोशिश करता था।

अतुल श्रीवास्तव ने अलग-अलग एफआईआर दर्ज किए जाने के मुद्दे पर अपनी दलील में गुजरात में सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले का हवाला देते हुए कहा था कि इस मामले में भी कई एफआईआर अलग-अलग दर्ज की गई थी लेकिन कोर्ट द्वारा सुनवाई एक की ही की गई थी। उन्होंने महिला पहलवान की शिकायत का जिक्र करते हुए कहा था कि ताजिकिस्तान में एक इवेंट के दौरान बृजभूषण ने शिकायतकर्ता को कमरे में बुलाया और उसको जबरदस्ती गले लगाया। जब शिकायतकर्ता ने उसका विरोध किया तो बृजभूषण ने कहा कि मैं तुम्हारे पिता के जैसा हूं। इससे स्पष्ट हो जाता है कि बृजभूषण को पता था कि वो क्या कर रहे थे। दिल्ली पुलिस ने एक दूसरी महिला पहलवान की शिकायत का हवाला दिया, जिसमें उसने बताया है कि ताजिकिस्तान में एशियन चैंपियनशिप के दौरान बिना उसकी इजाजत के उसकी शर्ट को ऊपर करके उसके पेट पर हाथ फेरा और अनुचित तरीके से छुआ था।

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1 सितंबर को सुनवाई के दौरान महिला पहलवानों की ओर से वकील रेबेका जॉन ने कहा था कि ओवर साइट कमेटी नियमों के हिसाब से नहीं बनाई गई थी। उन्होंने कहा था कि जिन आरोपों के तहत चार्जशीट दाखिल हुई, उसी के तहत आरोपित के खिलाफ आरोप तय होने चहिए।

कोर्ट ने 20 जुलाई को बृजभूषण शरण सिंह और सह आरोपित विनोद तोमर को जमानत दी थी। गौरतलब है कि 7 जुलाई को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। 15 जून को दिल्ली पुलिस ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354डी, 354ए और 506 (1) के तहत आरोप लगाए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ छह बालिग महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के मामले में चार्जशीट दाखिल की है।

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