Traffic problem in Noida: नोएडा में ट्रैफिक जाम एक आम समस्या है, खासकर पीक आवर्स में। यह शहर लगातार बढ़ रहा है और वाहनों की संख्या में वृद्धि, अपर्याप्त सड़क बुनियादी ढांचा, और कई अन्य कारक इस समस्या को बढ़ाते हैं। चलिए बताते हैं कि मुख्य ट्रैफ़िक जाम के कारण व्याख्या है और पुलिस उस पार किस तरह से काम कर रही है।
नोएडा में ट्रैफिक जाम के मुख्य कारण
बढ़ती आबादी और वाहन: नोएडा एक तेजी से विकसित हो रहा शहर है, जहां आबादी और वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे सड़कों पर दबाव बढ़ रहा है।
अधूरी या अपर्याप्त सड़कें: कई जगहों पर सड़कों का निर्माण अभी भी जारी है या वे मौजूदा ट्रैफिक लोड को संभालने के लिए पर्याप्त चौड़ी नहीं हैं, जिससे बॉटलनेक (bottlenecks) बन जाते हैं।
वीआईपी मूवमेंट: दिल्ली-एनसीआर में वीआईपी आवाजाही के कारण अक्सर प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्जन और प्रतिबंध लगाए जाते हैं, जिससे आस-पास की सड़कों पर भारी जाम लग जाता है।
गलत साइड ड्राइविंग और अतिक्रमण: कुछ ड्राइवर गलत साइड से गाड़ी चलाते हैं, जिससे ट्रैफिक बाधित होता है। साथ ही, सड़कों के किनारे अतिक्रमण भी ट्रैफिक फ्लो को धीमा करता है।
वाटरलॉगिंग (जलभराव): बारिश के मौसम में कई इलाकों में जलभराव हो जाता है, जिससे ट्रैफिक बहुत धीमा हो जाता है या पूरी तरह से रुक जाता है।
दुर्घटनाएं और वाहन खराब होना: सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाएं या खराब हुए वाहन भी ट्रैफिक जाम का कारण बनते हैं।
कम ट्रैफिक पुलिस कर्मी: ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की कमी भी समस्या को बढ़ाती है।
इन इलाकों में निकलना हो जाता है मुश्किल
कुछ प्रमुख क्षेत्र जहाँ ट्रैफिक जाम अक्सर देखा जाता है, उनमें NH-24, DND फ्लायओवर, चिल्ला बॉर्डर, महामाया फ्लायओवर, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, और गौरव चौक (Greater Noida West) शामिल हैं। सेक्टर 15, सेक्टर 16 मेट्रो स्टेशनों के पास U-टर्न और सेक्टर 60, बहलोलपुर, रजनीगंधा चौक जैसे अंडरपास भी अक्सर प्रभावित होते हैं।
समाधान के प्रयास:
नोएडा प्राधिकरण और ट्रैफिक पुलिस ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं
नए फ्लाईओवर और एलिवेटेड रोड का निर्माण: भंगेल एलिवेटेड रोड और चिल्ला एलिवेटेड रोड जैसी परियोजनाएं यात्रा के समय को कम करने और ट्रैफिक को सुचारू बनाने के लिए बनाई जा रही हैं।
U-टर्न का निर्माण और रीडिजाइन: ट्रैफिक फ्लो को बेहतर बनाने के लिए कई जगहों पर U-टर्न बनाए गए हैं या उन्हें रीडिजाइन किया जा रहा है।
इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में तेजी: नोएडा में कई बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं चल रही हैं, जैसे कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी के लिए नई सड़कें और इंटरचेंज।
ट्रैफिक प्रबंधन में सुधार के लिए इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) कैमरों और मैनुअल पेट्रोलिंग के माध्यम से ट्रैफिक पर 24/7 नजर रखी जा रही है।
“ब्रेकडाउन चालान जोन”: नोएडा एक्सप्रेसवे को “ब्रेकडाउन चालान जोन” घोषित किया गया है ताकि खराब हुए वाहनों से होने वाले ट्रैफिक अवरोधों को कम किया जा सके।
अगर आप नोएडा में यात्रा कर रहे हैं, तो रियल-टाइम ट्रैफिक अपडेट्स के लिए नेविगेशन ऐप्स (जैसे Google Maps) का उपयोग करना और पीक आवर्स में कुछ मार्गों से बचने की कोशिश करना मददगार हो सकता है।