Delhi News: देशों, संस्कृतियों, लोगों को एक सूत्र में बांधते हैं बुद्ध के विचार: मोदी

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Delhi News: नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भगवान बुद्ध के विचारों में दुनिया को एक सूत्र में बांधने की शक्ति है और यही वजह है कि वियतनाम में जब भारत से भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष पहुंचे तो वहां राष्ट्रीय महोत्सव का माहौल बन गया और डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों ने इनके दर्शन किये। श्री मोदी ने रविवार को रेडियो पर प्रसारित अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि भगवान बुद्ध के विचारों में वो शक्ति है जो देशों, संस्कृतियों और लोगों को एक सूत्र में बांधती है।

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उन्होंने कहा,“पिछले दिनों मुझे वियतनाम के बहुत से लोगों ने विभिन्न माध्यमों से संदेश भेजे जिनकी हर पंक्ति में श्रद्धा, आत्मीयता और मन को छूने वाली भावनाएं थीं। वो लोग भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के दर्शन कराने के लिए भारत के प्रति अपना आभार प्रकट कर रहे थे। उनके शब्दों में जो भाव थे वो किसी औपचारिक धन्यवाद से बढ़कर थे।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि मूल रूप से भगवान बुद्ध के इन पवित्र अवशेषों की खोज आंध्र प्रदेश में पालनाडू जिले के नागार्जुनकोंडा में हुई थी। इस जगह का बौद्ध धर्म से गहरा नाता रहा है। कहा जाता है कि कभी इस स्थान पर श्रीलंका और चीन सहित दूर–दूर के लोग आते थे। पिछले महीने ही भगवान बुद्ध के इन पवित्र अवशेषों को वियतनाम ले जाया गया और वहाँ नौ अलग– अलग स्थानों पर इन्हें जनता के दर्शन के लिए रखा गया। श्री मोदी ने कहा,“ भारत की यह पहल एक तरह से वियतनाम के लिए राष्ट्रीय उत्सव बन गया। करीब 10 करोड़ लोगों की आबादी वाले वियतनाम में डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों ने पवित्र अवशेषों के दर्शन किए। सोशल मीडिया पर जो तस्वीरे और वीडियो मैंने देखे, उन्होंने एहसास कराया कि श्रद्धा की कोई सीमा नहीं होती। बारिश हो, तेज धूप हो, लोग घंटों कतारों में खड़े रहे। बच्चे, बुजुर्ग, दिव्यांगजन सभी भाव-विभोर थे। वियतनाम के राष्ट्रपति, उप-प्रधानमंत्री, वरिष्ठ मंत्री, हर कोई नत-मस्तक था।”

उन्होंने कहा कि इस यात्रा के प्रति वहाँ के लोगों में सम्मान का भाव इतना गहरा था कि वियतनाम सरकार ने इसे 12 दिन के लिए और आगे बढ़ाने का आग्रह किया था और इसे भारत ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “भगवान बुद्ध के विचारों में वो शक्ति है, जो देशों, संस्कृतियों और लोगों को एक सूत्र में बांधती है। इससे पहले भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष थाईलैंड और मंगोलिया ले जाए गए थे, और वहाँ भी श्रद्धा का यही भाव देखा गया। मेरा आप सभी से भी आग्रह है कि अपने राज्य के बौद्ध स्थलों की यात्रा अवश्य करें। ये एक आध्यात्मिक अनुभव होगा, साथ ही हमारी सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने का एक सुंदर अवसर भी बनेगा।”

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