मदरसों पर कार्रवाई का मतलब बंद कराने की कोशिश, ऐसा क्यों बोले अरशद मदनी

उत्तर प्रदेश के जनपद आजमगढ़ के सरायमीर में अखिल भारतीय मदरसा सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन की अध्यक्षता जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सय्यद अरशद मदनी करते हुए बड़ी बात कहीं। मौलाना अरशद मदनी ने अपने सबोधन में कहा कि आजकल मदरसो को बंद किया जा रहा है।
मौलाना ने कहा कि, सबसे पहले जिस सरकार ने हाथ डाला था वो असम है, उसके बाद उत्तराखंड सरकार ने हाथ डाला, फिर यूपी ने हाथ डाला, अब हरियाणा सरकार ने पानीपत और अलग अलग जगहों पर नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। ये हमारा सूबा है, इसलिए हमें यहां करना चाहिए (जलसा)। ये आम जलसा नहीं है।

यूपी में मदरसों को कराया जा रहा बंद
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, ये जलसा जमीयत उलेमा यूपी का है, ताकि यूपी के अंदर मदरसे को लेकर तरह-तरह के नोटिस आ रहे हैं और मदरसों को बंद किया जा रहा है। ये कार्यक्रम हो इसलिए कई राय थी। मौलाना ने कहा कि सबसे पहले मदरसे पर असम सरकार ने हाथ डाला था, वहां जाकर जलसा करना था। फिर उत्तराखंड में मदरसों पर कार्रवाई हुई, फिर यूपी में हुआ और अब हरियाणा में भी हो रहा है। उन्होंने कहा है कि कुछ की राय थी कि लखनऊ में ये कार्यक्रम हो।

मदरसों ने आजादी की लड़ाई में निभाई थी अहम भूमिका
मौलाना अरशद मदन ने कहा, जो लोग ये समझते हैं मदरसा का मतलब किताबे पढ़ना-पढ़ाना है, वो गलत है। हम सालों गुलाम रहे, कहीं से आजादी की आवाज आई वो मदरसे से आई। जिन मदरसों ने आजादी की लड़ाई लड़ी, आज कहा जाता है कि वहां दहशतगर्दी पढ़ाई जा रही है। मौलाना ने कहा, जिन मदरसों पर बुलडोजर चल रहा, इन्होंने ही आजादी की लड़ाई लड़ी। सरकार क्यों मदरसे के पीछे पड़ी है, हमारा ताल्लुक किसी सियासत से नहीं है।

 

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