Private Schools: चंडीगढ़। शिक्षा विभाग द्वारा आरटीई सीटों का विवरण अपलोड न होने पर पूरे आठ महीनों से 2808 प्राइवेट स्कूलों के एमआईएस पोर्टल बंद पड़े हैं, जिसके कारण प्रभावित स्कूलों में छात्रों के ऑनलाइन दाखिले भी संभव नहीं हो पा रहे।
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स्कूल संचालकों का कहना है कि अनेक स्कूलों ने आरटीई सीटें पोर्टल पर दर्शा तो दी थीं, लेकिन दस्तावेज़ों की कमी के चलते अंतिम सब्मिशन नहीं हो सका। विभाग की ओर से इस बारे में समय रहते कोई सूचना नहीं दी गई और बाद में तीस हजार से एक लाख रुपये तक का जुर्माना थोपते हुए नोटिस जारी कर दिया गया।
इसी सिलसिले में प्राइवेट स्कूल संघ ने 2808 स्कूलों के पोर्टल तत्काल प्रभाव से खोलने और सात सूत्रीय मांगों के समाधान हेतु मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखा है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र में कहा है कि दस्तावेज़ अपलोडिंग में त्रुटि होने पर स्कूलों पर सीधा जुर्माना लगाने की बजाय पहले ईमेल या फोन के माध्यम से सूचना दी जानी चाहिए। साथ ही, 2808 स्कूलों का पोर्टल बिना किसी जुर्माने के पुनः खोला जाए क्योंकि आरटीई सीटों के फाइनल सब्मिट न होने की जानकारी विभाग द्वारा उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई।
उन्होंने चिराग योजना, आरटीई एवं 134-ए के अंतर्गत मिलने वाली धनराशि समय पर जारी करने की मांग रखते हुए कहा कि गैर-मान्यता प्राप्त विद्यालयों को ‘वन रूम-वन क्लास’ प्रावधान के तहत मान्यता प्रदान की जाए। साथ ही 10 अप्रैल 2007 से पूर्व स्थापित अस्थायी व अनुमति प्राप्त विद्यालयों को 2014 के बीजेपी घोषणा पत्र के अनुसार एकमुश्त स्थाई मान्यता दी जाए।
कुंडू ने फायर सेफ्टी की तर्ज पर हाइजीनिक प्रमाणपत्र की वैधता अवधि भी तीन वर्ष करने और स्कूल बसों की आयु सीमा बढ़ाने की मांग की। साथ ही स्कूल बस टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स व अन्य करों को समाप्त करने तथा महापुरुषों की जयंती पर छुट्टी घोषित करने का अधिकार स्कूल प्रबंधन को देने की भी मांग उठाई।
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